Bihar Floor Test: सोमवार, 12 फरवरी का दिन बिहार की राजनीति में बेहद खास है. आज बिहार विधानसभा में भारतीय जनता(BJP) पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(NDA) के सहयोग से मुख्यमंत्री बने जनता दल-यूनाइटेड(JDU) के मुखिया नीतीश कुमार का शक्ति परीक्षण है. शक्ति परिक्षण के 24 घंटे पहले बिहार में हुए घटनाक्रमों से अटकलों का बाजार गर्म है. राष्ट्रीय जनता दल(RJD) के साथ सभी दलों ने बिहार में विधायकों की बाड़ेबंदी तेज कर दी है.
RJD के बाद JDU ने की बाड़ेबंदी
आज बिहार में आज नीतीश सरकार को बहुमत साबित करना है. बिहार में चल रही सियासी उठापटक राजनीतिक हलचल का केंद्र बनी हुई है. आरजेडी विधायकों की बाड़ेबंदी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपने विधायकों को पटना के होटल में शिफ्ट कर दिया है. रविवार, 11 फरवरी की देर शाम विधायकों को होटल चाणक्य भेजा गया. इससे पहले विधानमंडल की बैठक में पांच विधायकों के नहीं पहुंचने और तीन विधायकों के फोन बंद होने की सूचना के बाद से जेडीयू के खेमे में भी गहमागहमी है.
पहले विधानसभा अध्यक्ष को हटाने की होगी प्रक्रिया
बिहार विधानसभा की कार्रवाई सुबह 11 बजे शुरू होगी. विधानसभा में राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर अभिभाषण के बाद विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी को हटाने की प्रक्रिया शुरू होगी. इस बीच जीतनराम मांझी की पार्टी हम ने व्हिप जारी कर अपने चारों विधायकों को नीतीश के समर्थन में वोट डालने को कहा है. वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल आरजेडी के सभी विधायकों को पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के घर पर ठहराया गया है. इससे बिहार में सियासी अटकलों को हवा मिल रही है. बता दें कि 28 जनवरी को नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद तेजस्वी यादव ने कहा था कि खेल अब शुरू हुआ है.
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तेजस्वी यादव के आवास पर पहुंची पुलिस
सियासी हलचल के बीच तेजस्वी यादव के आवास पर देर रात पुलिस भी पहुंची. पुलिस की टीम और आरजेडी नेताओं के बीच गहमागहमी का माहौल भी देखा गया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कहा जा रहा है कि आरजेडी विधायक चेतन आनंद के लापता होने की शिकायत पर पुलिस तेजस्वी यादव के आवास पहुंची थी. चेतन के छोटे भाई ने उनके लिए लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी. वहीं खबर यह भी थी कि चेतन आनंद तेजस्वी के आवास पर ही मौजूद हैं. इसी गहमागहमी के बीच कांग्रेस विधायकों को बाहर भी निकाला गया है.
नीतीश को चाहिए 122 विधायकों का समर्थन
बता दें कि 28 जनवरी को नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ गठबंधन की सरकार से इस्तीफा देकर एनडीए के साथ दोबारा सरकार बनाई. उन्होंने नौवीं बार बिहार के सीएम पद की शपथ ली. ऐसे में उन्हें बजट सत्र के दौरान उन्हें फ्लोर टेस्ट से गुजरना होगा. सीएम नीतीश को सरकार बचाने के लिए 122 विधायकों का समर्थन चाहिए. राज्यपाल से मिलकर उन्होंने दावा किया था कि उनके पास 128 विधायक हैं. हालांकि अब बिहार में खेला होने की भी आशंका है.