Bihar News: बिहार में वर्तमान जेडीयू और आरजेडी गठबंधन के बीच खटपट बढ़ती जा रही है. सीएम नीतीश कुमार के अब एनडीए में आने की अटकलें तेज होती जा रही है. जेडीयू और आरजेडी अब आंकड़ों के आधार पर हर समीकरण पर विचार कर रहे हैं. सूत्रों का दावा है कि नीतीश कुमार अब बीजेपी के संपर्क में बने हुए हैं. लेकिन दूसरी ओर आरजेडी भी अपने समीकरण दुरुस्त कर रही है.
दरअसल, सूत्रों का दावा है कि आरजेडी भी अपने हर दांव पेच को दुरुस्त कर रही है. अगर जेडीयू में टूट होती है और विधायक बागी हो जाते हैं तो बागियों के सहयोगी से आरजेडी सरकार बना सकती है. इसके लिए समीकरण और आंकड़ों की बातें हो रही हैं. अभी बिहार में आरजेडी के पास 78 विधायक हैं. दूसरी ओर उसके साथ गठबंधन में कांग्रेस और लेफ्ट है.
क्या कहते हैं समीकरण
कांग्रेस के बिहार में 19 और लेफ्ट के कुल 16 विधायक हैं. अगर आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट के विधायकों को जोड़ा जाए तो कुल 113 होते हैं. राज्य में एक निर्दलीय विधायक भी है, जिसका समर्थन अभी सरकार को है. सूत्रों का दावा है कि निर्दलीय विधायक सरकार गिरने पर आरजेडी को अपना समर्थन दे सकते हैं. जबकि बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं, ऐसे में बहुतम के लिए कुल 122 का आंकड़ा पार करना होगा.
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ऐसे में देखा जाए तो आरजेडी के पाले में निर्दलीय को जोड़कर 114 विधायक हो सकते हैं. अगर जेडीयू में टूट होती है और 8 विधायक पार्टी से अलग होते हैं तो उनके समर्थन से आरजेडी के नेतृत्व में राज्य में सरकार बन सकती है. आरजेडी के ओर से मौजूदा डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री के तौर पर पेश किया जा सकता है.
अगर जेडीयू में टूट के बाद आरजेडी 122 का आंकड़ा जुटा लेती है तो तेजस्वी यादव बिहार के सीएम बन जाएंगे. हालांकि ऐसा होने के लिए 8 विधायकों के साथ कांग्रेस और लेफ्ट का समर्थन आरजेडी को चाहिए होगा.