Bihar News: बिहार में करीब 17 महीने बाद सीएम नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी हुई है. इसके बाद राज्य में सियासी बवाल जारी है. विरोधी दलों के ओर से लगातार बयानबाजी हो रही है. वहीं दूसरी ओर अब सरकार बनने के बाद आगे की रणनीति पर विचार होने लगा है. बिहार विधानसभा के स्पीकर और आरजेडी नेता अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस जारी हुआ है.
बिहार विधानसभा के स्पीकर को हटाने के लिए रणनीति पर काम तेज हो गया है. बीजेपी विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता नन्दकिशोर यादव ने विधानसभा के सचिव को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है. ये नोटिस विधानसभा के स्पीकर को हटाने के लिए दिया गया है. अब आरजेडी नेता और स्पीकर अवध बिहारी चौधरी अगर इस्तीफा नहीं देते हैं तो उन्हें बहुमत के आधार पर उनके पद से हटा दिया जाएगा.
इन्होंने किया हस्ताक्षर
स्पीकर को हटाने के लिए जो नोटिस नंदकिशोर यादव ने सचिव को दिया है, उसमें पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, बीजेपी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद, जेडीयू नेता विनय कुमार चौधरी, रत्नेश सदा समेत कई विधायकों के हस्ताक्षर किए गए हैं.
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दरअसल, राज्य में नई एनडीए सरकार के पास बहुमत है. सरकार को अभी 128 विधायकों का समर्थन मिला हुआ है. जबकि बहुमत के लिए केवल 122 विधायकों की जरूरत है. दूसरी ओर अवध बिहारी चौधरी के समर्थन में केवल 114 विधायक ही हैं. ऐसे में उनका हटना अब तय माना जा रहा है.
कौन है अवध बिहारी चौधरी
गौरतलब है कि अवध बिहारी चौधरी आरजेडी के वरिष्ठ नेता हैं. लालू यादव के करीबियों में उनकी गिनती होती है और राजनीति में करीब चार दशक से एक्टिव हैं. उन्हें पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का भी करीबी माना जाता है. पहली बार 1985 में सीवान से विधायक बने थे.
लगातार 20 सालों तक अवध बिहारी चौधरी सीवान सीटे विधायक रहे. राबड़ी देवी के नेतृत्व वाली सरकार में भी उन्हें मंत्री बनाया गया था. हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले आरजेडी छोड़कर जेडीयू में शामिल हो गए थे. लेकिन 2017 में वापस आरजेडी में आ गए.