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Bihar News: विवादित बयान या केके पाठक के साथ मनमुटाव, चंद्रशेखर की कुर्सी जाने की वजह क्या?

Chandra Shekhar

Chandra Shekhar (फोटो- @ChandraShekhar)

Bihar News: बिहार में राजनीतिक हलचल थमने का नाम ही नहीं ले रही है. अपने विवादित बयानों को लेकर अकसर चर्चा में रहने वाले मंत्री चंद्रशेखर से शिक्षा विभाग ले लिया गया है. अब शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी मंत्री आलोक कुमार मेहता को दी गई है. चंद्रशेखर समेत आरजेडी कोटे के तीन मंत्रियों के विभागों को बदल दिया गया है. अब चंद्रशेखर को गन्ना उद्योग विभाग दिया गया है. लेकिन इसके पीछे की वजह को लेकिन कई चर्चाएं हैं.

दरअसल, चंद्रशेखर की कुर्सी जाने की दो वजह बताई जा रही है. उसमें पहली वजह उनके विवादित बयान हैं. खास तौर पर जेडीयू का खेमा उनके विवादित बयानों से हमेशा नाराज रहा है. जेडीयू और आरजेडी नेताओं से बीच चंद्रशेखर के विवादित बयानों की वजह से जुबानी जंग भी हुई थी. चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था. तब उन्होंने कहा था, ‘रामचरितमानस जैसे प्राचीन ग्रंथों में इतने हानिकारक तत्व हैं कि उनकी तुलना ‘पोटेशियम साइनाइड’ से की जा सकती है.’

चंद्रशेखर के सिर विवादित बयानों का ताज

इसके बाद उन्होंने बीते दिनों राम मंदिर पर विवादित बयान देते हुए कहा था, ‘मंदिर का रास्ता मानसिक गुलामी की ओर ले जाता है. लोगों को अपने घर का दरवाजा वैष्णवों के लिए बंद कर देना चाहिए.’ इससे पहले उन्होंने बीते साल भगवान राम को लेकर भी विवादित बयान दिया था. तब उन्होंने कहा था, ‘भगवान राम सपने में आए थे. सपने में उन्होंने कहा था कि देखो चंद्रशेखर इन लोगों ने हमको बाजार में बेच दिया है.’

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लेकिन बीते दिनों के दौरान चंद्रशेखर और शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव केके पाठक में खटपट की बात सामने आई थी. तब उन्होंने केके पाठक के फैसलों पर सवाल उठाते हुए कहा था, ‘मौलिक अधिकारों पर चोट करने वालों की दुर्गति होती है.’ सूत्रों का दावा है कि केके पाठक के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव बनने के बाद से ही चंद्रशेखर नाराज थे. लेकिन दूसरी ओर केके पाठक खुलकर अपने फैसले ले रहे थे.

गौरतलब है कि केके पाठक की गिनती सीएम नीतीश कुमार के चहेते अधिकारियों में होती है. जानकार बताते हैं कि चंद्रशेखर से अनबन के कारण केके पाठक लंबी छुट्टी पर चले गए थे. लेकिन उनके छुट्टी से वापस लौटते ही चंद्रशेखर को अपने विभाग से हाथ धोना पड़ा. बता दें कि बीते साल जून में केके पाठक ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी संभाली थी. उसके बाद से अपने फैसलों को लेकर लगातार चर्चा में बने हुए हैं.

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