BJP ने बीते 2022-23 के दौरान इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 1,294.14 करोड़ रुपए प्राप्त किए हैं. पार्टी को कुल चंदे का करीब 54 फीसदी इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए मिला है. वहीं सत्ताधारी दल को विपक्षी दल कांग्रेस के मुकाबले करीब सात गुना ज्यादा चंदा इस साल मिला है. सभी पार्टियों ने चंदे से जुड़ी जानकारी भारत निर्वाचन आयोग को दी है.
आयोग को दी गई जानकारी के अनुसार 2021-22 में 1,917 करोड़ का चंदा बीजेपी को मिला था. जबकि 2022-23 के दौरान बीजेपी को 2,361 करोड़ रुपए चंदे के तौर पर मिले हैं. इसकी जानकारी बीजेपी के वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट में भी दी गई है. बीजेपी को करीब 2,120.06 करोड़ रुपए डोनेशन के तौर पर मिले हैं. जिसमें इलेक्टोरल बॉन्ड द्वारा मिला हुआ चंदा भी शामिल है. वहीं बीजेपी को बैंक से 237.3 करोड़ रुपए ब्याज के तौर पर आमदनी हुई है.
विज्ञापन पर करीब 432.14 करोड़ खर्च
वहीं इसके पिछले साल पार्टी को बैंक से ब्याज के तौर पर 133.3 रुपए की आमदनी हुई थी. दी गई जानकारी के अनुसार बीजेपी ने चुनाव में 1092.15 करोड़ रुपए खर्च किए हैं जो कांग्रेस द्वारा खर्च के पांच गुना है. 2021-23 के दौरान बीजेपी चुनाव में 645.85 करोड़ खर्च किया था. बीजेपी के ओर से विज्ञापन पर करीब 432.14 करोड़ और हेलीकॉप्टर समेत अन्य उड़ानों पर करीब 78.22 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं.
वहीं कांग्रेस को 2022-23 में 452.37 करोड़ रुपए चंदे में मिले हैं, जबकि 2021-22 में पार्टी को चंदे के तौर पर 541.27 करोड़ रुपए मिले थे. कांग्रेस ने 2022-23 में चुनाव प्रचार में 192.55 करोड़ रुपए और कन्याकुमारी से कश्मीर तक हुई भारत जोड़ो यात्रा में 71.83 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. पार्टी को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए मिलने वाले चंदे में गिरावट आई है. 2021-22 के दौरान 236.09 करोड़ इलेक्टोरल बॉन्ड से मिला था जो 2022-23 में केवल 171.02 करोड़ मिला है.
बता दें कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विभिन्न पार्टियों को चंदे की जानकारी देने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था बनाई गई है. वहीं अब साल 2022-23 में मिले चंदे की जानकारी आयोग द्वारा दी गई है.