Lok Sabha Election 2024: देश में जल्द लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं. चुनावी माहौल के बीच एक बार फिर से बीते साल संसद की सुरक्षा में सेंधमारी करने का मामला चर्चा में आ गया है. पिछले साल संसद हमले की बरसी वाले दिन कुछ युवकों ने संसद की सुरक्षा में एक बार फिर सेंधमारी की कोशिश की, लेकिन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. जिस सांसद के विजिटर पास पर आरोपियों ने संसद में प्रवेश किया था, भारतीय जनता पार्टी उस सांसद का टिकट काट सकती है.
राजा युद्धवीर को दिया जा सकता है टिकट
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कर्नाटक के मैसूर लोकसभा सीट से वर्तमान सांसद प्रताप सिम्हा का BJP टिकट काट सकती है. मैसूर सीट पर दो बार से सांसद चुने गए सांसद को बीजेपी राज्य इकाई टिकट देने के समर्थन में नहीं है. दरअसल प्रताप सिम्हा के विजिटर पास से एक महिला समेत चार आरोपियों ने सदन की सुरक्षा में सेंधमारी की थी. उनकी गिरफ्तारी के बाद यह मामले सामने आते ही BJP पर विपक्षी दलों ने जमकर हमला बोला था. वहीं उनकी जगह पार्टी वोडियार साम्राज्य के वंशज राजा युद्धवीर को मैसूर से चुनाव में उतार सकती है.
पहले विवादों में रहे हैं प्रताप सिम्हा
बता दें कि पत्रकार से राजनेता बने प्रताप सिम्हा अक्सर विवादों में बने रहते हैं. वह 2015 में टीपू सुल्तान के जन्मोत्सव समारोह के लिए कर्नाटक सरकार के खिलाफ जमकर विरोध किया. वहीं पिछले साल प्रताप सिम्हा ने मैसूर-ऊटी रोड पर बने एक बस स्टॉप को गिराने की चेतावनी भी दे चुके हैं. उन्होंने दावा किया कि बस स्टॉप गुंबद की तरह है. उन्होंने आगे कहा कि मैंने इंजीनियरों से कहा है कि वे तीन-चार दिनों में ढांचे को ध्वस्त कर दें. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो मैं एक जेसीबी लोकर खुद इसे गिरा दूंगा
शीतकालीन सत्र की कार्रवाही के दौरान हुई चूक
बता दें कि बीते साल 13 दिसंबर को संसद में हुए आतंकी हमले की 22वीं बरसी पर संसद में जब शीतकालीन सत्र की कार्यवाही चल रही थी तब दो युवक दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए और उन्होंने रंगीन धुआं छोड़ा और संसद के अंदर और बाहर दोनों जगहों पर नारेबाजी भी की. संसद में हुए इस सुरक्षा उल्लंघन के बाद चार लोगों को गिरफ्तार किया गया और दो को हिरासत में लिया गया. इसके बाद गृह मंत्रालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए संसद भवन सुरक्षा स्टाफ से जुड़े हुए कई कर्माचरियों को सस्पेंड कर दिया. गौरतलब है कि पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद संगठन के आतंकवादियों ने 2001 में संसद परिसर पर हमला किया, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी.