BJP President Election: बीजेपी ने अपने नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. पार्टी ने मंगलवार 15 अक्टूबर 2024 को एक नई चुनावी समिति का गठन किया. इस समिति के प्रमुख के रूप में डॉक्टर के लक्ष्मण को राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है. इसके साथ ही, नरेश बंसल, रेखा वर्मा और संबित पात्रा को सह-चुनाव अधिकारियों के रूप में जिम्मेदारी दी गई है.
क्या करेगी नई समिति?
इस नई समिति का मुख्य कार्य पार्टी के संगठनात्मक चुनावों का संचालन करना होगा. आगामी दो महीने में पार्टी अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन करने की प्रक्रिया में जुट जाएगी. यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से आयोजित की जाएगी, जिसमें पहले मंडल, फिर जिला, और अंत में राज्य स्तर पर अध्यक्षों का चुनाव होगा.
समिति की स्थापना के साथ ही, बूथ, मंडल, जिला और प्रदेश स्तर पर चुनाव की तारीखों की घोषणा की जाएगी. पहले जिला अध्यक्ष और राज्य परिषद का चुनाव होगा, जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों का चुनाव किया जाएगा. राज्य परिषद के सदस्य राज्य के अध्यक्ष का चयन करेंगे, और इसी प्रकार राष्ट्रीय परिषद के सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करेंगे.
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इस प्रक्रिया से आंतरिक संगठन में आएगी मजबूती
बीजेपी के इस चुनावी पहल ने अब सभी की नजरें इस बात पर लगा दी हैं कि आखिर कौन बनेगा पार्टी का नया अध्यक्ष. इस प्रक्रिया से न केवल पार्टी के आंतरिक संगठन में मजबूती आएगी, बल्कि यह आगामी चुनावों में बीजेपी की रणनीतियों को भी प्रभावित कर सकता है. आगे बढ़ते हुए, यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी के नए नेतृत्व के साथ पार्टी की दिशा क्या होगी और कौन सा नेता इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को संभालेगा.
बढ़ाया गया था नड्डा का कार्यकाल
लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 तक के लिए बढ़ा दिया था. दिल्ली में आयोजित पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी. हालांकि, अब भी जेपी नड्डा यही भूमिका निभा रहे हैं. साल 2019 में जेपी नड्डा को बीजेपी का वर्किंग प्रेसिडेंट बनाया गया था. इसके बाद 2020 में उन्होंने पूर्णकालिक पार्टी अध्यक्ष का पद संभाला.
जेपी नड्डा से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बीजेपी के अध्यक्ष थे. पिछले कुछ सालों में नड्डा के कार्यकाल के दौरान कई विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिसमें बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत भी दर्ज की है. हालांकि, इस बार के लोकसभा चुनाव में पार्टी बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई और टीडीपी और जेडीयू जैसे सहयोगियों के बूते आज केंद्र की सत्ता में है.