Nagpur Violence: नागपुर हिंसा क्या सोझी-समझी रणनीति का हिस्सा थी? क्या एक ख़ास समुदाय ने पहले से तैयार प्लान के तहत हिंदुओं की गाड़ियों और दुकानों को नुकसान पहुंचाया? यह सवाल इसलिए ज्वलंत हो गए हैं, क्योंकि, नागपुर सेंट्रल से बीजेपी विधायक प्रवीण दटके कुछ ऐसे दावे किए हैं, जिसके चलते ये सवाल प्रासंगिक हो गए हैं. बीजेपी विधायक प्रवीण दटके ने दावा किया है कि मुस्लिम समाज ने पहले से ही हिंसा की तैयारी कर रखी थी. उन्होंने कहा कि हिंसा और आगज़नी से पहले मोहल्ले में लगे सीसीटीवी कैमरे उखाड़ दिए गए थे. इसके बाद टार्गेट करके सिर्फ़ हिंदुओं की गाड़ियों और उनकी दुकानों को निशाना बनाया गया.
सोमवार को हुई हिंसा के बाद प्रवीण दटके अपने क्षेत्र में पीड़ितों का हाल और वर्तमान व्यवस्था देखने के लिए मंगलवार सुबह निकले थे. इस दौरान उन्होंने हालात का समीक्षा की. दटके ने इस दौरान मीडिया से बात करते हुए कई गंभीर आशंकाओं की ओर इशारा किया. उन्होंने कहा, “नगरपालिका की पार्किंग में हिंदू और मुसलमानों की गाड़ियां एक साथ पार्क होती हैं. लेकिन, कल (सोमवार) को एक भी मुस्लिम भाई की गाड़ी पार्क नहीं थी. हिंसा में उनकी एक भी गाड़ी को नुकसान नहीं पहुँचा है.”
दटके ने कहा कि कई बार यह इलाक़ा संवेदनशील होने के नाते सांप्रदायिक तनाव के दौरान चौक पर पुलिस वाले मौजूद हो जाते हैं. लेकिन, हिंसा के दौरान एक भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था. स्थानीय हिंदुओं ने पुलिस से और मुझसे फ़ोन करके मदद माँगी. बाद में जब पुलिस पहुँची तब दंगाई हिंसा करके चले गए थे. बग़ल में मुसलमान की दुकान सुरक्षित है, जबकि हिंदू की दुकान जला दी गई. बीजेपी विधायक ने दावा किया कि मोहल्ले में हिंसा फैलाने वाले दूसरी जगहों से आए थे.
गौरतलब है कि नागपुर हिंसा में सबसे पहले अफवाह ये फलाई गई कि हिदुवादी संगठनों ने शिवाजी चौक पर पवित्र धार्मिक ग्रंथ को जला दिया था. जिसके बाद चौक पर भारी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग इकट्ठा होने लगे और फिर यहीं से हिंसा भड़क उठी. बहरहाल, शहर में बीएनएस की धारा 163 (पहले धारा 144) लागू है. हिंसा प्रभावित मुस्लिम इलाक़ों में अभी भी कर्फ़्यू लागू की गई है. पुलिस ने लोगों से अफ़वाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है. साथ ही इस दौरान 65 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें से 15 को गिरफ्तार कर लिया गया है. उधर, प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणड़वीस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. साथ ही कहा है कि हिंसा के दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा.