Haryana Election: केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का संकल्प पत्र जारी किया. इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, हरियाणा भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली भी मौजूद रहे.
बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में जो वादे किए हैं उनमें प्रमुख हैं-
सभी महिलाओं को लाडो लक्ष्मी योजना के तहत प्रतिमाह ₹2,100
हर हरियाणवी अग्निवीर को सरकारी नौकरी की गांरटी
5 लाख युवाओं के लिए अन्य रोजगार के अवसर एवं नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन योजना से मासिक स्टाइपेंड
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 5 लाख आवास
हर जिले में ओलंपिक खेलों की नर्सरी
2 लाख युवाओं को ‘बिना पर्ची बिना खर्ची’ पक्की सरकारी नौकरी
हर घर गृहणी योजना तहत ₹500 में सिलेंडर
अव्वल बालिका योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में कॉलेज जाने वाली प्रत्येक छात्रा को स्कूटर
भारत सरकार के सहयोग से केएमपी के ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का निर्माण एवं नई वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत
भारत सरकार के सहयोग से विभिन्न रैपिड रेल सेवाओं एवं फरीदाबाद से गुरुग्राम के बीच इंटरसिटी एक्सप्रेस मेट्रो सेवा की शुरुआत
छोटी पिछड़े समाज की जातियों (36 बिरादरियों) के लिए पर्याप्त बजट के साथ अलग-अलग कल्याण बोर्ड
DA और पेंशनों को जोड़ने वाले साइंटिफिक फॉर्मूले के आधार पर सभी सामाजिक मासिक पेंशनों में वृद्धि
भारत के किसी भी सरकारी कॉलेज से मेडिकल और इंजीनियरिंग पढ़ने वाले ओबीसी एवं एससी जातियों के हरियाणा के विद्यार्थियों को पूर्ण छात्रवृत्ति
सभी ओबीसी वर्ग के उद्यमियों की, मुद्रा योजना के अतिरिक्त, 25 लाख रुपये तक के ऋण की गारंटी हरियाणा राज्य सरकार उठाएगी
IMT खरखौदा की तर्ज पर 10 औद्योगिक शहरों का निर्माण. प्रति शहर 50,000 स्थानीय युवाओं को नौकरी देने के लिए उद्यमियों को विशेष प्रोत्साहन
हरियाणा चुनाव के लिए केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने जारी किया बीजेपी का 20 सूत्रीय ‘संकल्प पत्र’.#HaryanaElelction #BJP #SankalpPatra #BJPMenifesto #JPNadda #VistaarNews pic.twitter.com/nl21XBAZcI
— Vistaar News (@VistaarNews) September 19, 2024
जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर साधा निशाना
संकल्प पत्र जारी करने के बाद जेपी नड्डा ने कहा, “हम घोषणापत्र को कैसे देखते हैं. कांग्रेस ने घोषणापत्र को लोगों की नजरों में एक डाइल्युटेड दस्तावेज़ बना दिया. कांग्रेस ने और कांग्रेस की संस्कृति ने घोषणा पत्र की प्रासंगिकता को समाप्त कर दिया. उनके लिए यह दस्तावेज़ महज एक औपचारिकता है और लोगों के साथ छलावा करना है…”