Jaya Shetty Murder Case: साल 2001 में हुए जया शेट्टी हत्याकांड मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने गैंगस्टर छोटा राजन को जमानत दे दी है. इस मामले में उसे इस साल की शुरुआत में दोषी ठहराया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने उसे 1 लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी है. छोटा राजन के खिलाफ जबरन वसूली और संबंधित अपराधों के लिए कई मामले दर्ज किए गए हैं, इसलिए होटल व्यवसायी की हत्या के मामले में उसके और अन्य आरोपियों के खिलाफ मकोका के तहत भी आरोप जोड़े गए.
पिछले दो अलग-अलग मुकदमों में हत्या के मामले में तीन अन्य आरोपियों को दोषी ठहराया गया था तथा एक को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था. राजन 2011 में पत्रकार जे डे की हत्या के मामले में पहले से ही आजीवन कारावास की सजा काट रहा है और वर्तमान में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है.
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क्या है पूरा मामला?
मध्य मुंबई के गामदेवी इलाके में गोल्डन क्राउन होटल के मालिक जया शेट्टी की 4 मई 2001 को हत्या कर दी गई थी. छोटा राजन के गिरोह के दो कथित गुर्गो ने होटल की पहली मंजिल पर उन्हें गोली मार दी थी. जांच में पता चला कि शेट्टी को राजन के गिरोह के मेंबर हेमंत पुजारी से जबरन वसूली के लिए कॉल आए थे और पैसे ना देने पर उनकी हत्या कर दी गई थी.
मामले में गैंगस्टर राजन के खिलाफ जबरन वसूली और संबंधित अपराधों के लिए कई मामले दर्ज किए गए. फिर मामले में राजन और अन्य आरोपियों के खिलाफ मकोका के तहत भी आरोप जोड़े गए थे.
एक फोन कॉल और फंस गया छोटा राजन
छोटा राजन जो हर बार किसी न किसी पैंतरे से बचकर निकल जाता था. लेकिन एक फोन कॉल ने उसे पूरी तरह से फंसा दिया. छोटा राजन हमेशा VOIP नंबर के जरिए कॉल करता था, लेकिन उस दिन उसने वाट्सऐप के जरिए अपने एक नजदीकी का हालचाल जानने के लिए कॉल किया. इसी कॉल को सुरक्षा एंजेंसियों ने टैप कर लिया और अलर्ट हो गईं. फोन पर राजन ने कहा था कि वह आस्ट्रेलिया में सेफ नहीं है, इसीलिए जल्द ही यहां से वह निकल जाएगा. इसके बाद एंजेंसियों ने इंटरपोल से संपर्क किया जिसके बाद वह भी अलर्ट हो गईं.
25 अक्टूबर 2015 को ऑस्ट्रेलियन फेडेरल पुलिस को पता चला कि एक इंडियन शख्स बाली जा रहा है, फेडरल पुलिस ने इंटरपोल के जरिए बाली इमिग्रेशन डिपार्टमेंट को जानकारी दी और छोटा राजन का प्लेन जैसे ही बाली पहुंचा, उसे पकड़ लिया गया. फिर उसे इंडिया लाया गया. गिरफ्तारी के समय राजन काफी डरा हुआ था, उसने खुद की जान को लेकर खतरा बताया था, उसने कहा था कि डी कंपनी उसकी जान के पीछे पड़ी हुई है. इसके बाद राजन को तिहाड़ जेल भेज दिया गया.