Brij Bhushan Sharan Singh On Vinesh Phogat: विनेश फोगाट के कांग्रेस में शामिल होने के बाद से पूर्व डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष और भाजपा नेता बृज भूषण शरण सिंह हमलावर हैं. अब उन्होंने कहा कि हुड्डा परिवार ने महिलाओं के सम्मान को दांव पर लगाकर जो जुआ खेला है, उसके लिए उन्हें माफ नहीं किया जाएगा. बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, “महाभारत के दौरान पांडवों ने द्रौपदी को दांव पर लगाया था और हार गए थे. देश ने आज तक पांडवों को इसके लिए माफ नहीं किया है. इसी तरह हुड्डा परिवार ने हमारी बहन-बेटियों के सम्मान को दांव पर लगाकर जो जुआ खेला है, उसके लिए उन्हें माफ नहीं किया जाएगा.”
प्रदर्शन का नेतृत्व दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने किया: बृज भूषण शरण सिंह
बृज भूषण शरण सिंह ने कहा, “मेरे खिलाफ तीनों मामलों में मैं बाहर हूं. लखनऊ में दो मामले चल रहे हैं. गतिविधियों के क्रम से पता चलता है कि जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने किया था. गतिविधियों का क्रम कांग्रेस के खिलाफ है. विरोध महिलाओं की गरिमा के लिए नहीं था.” पहले दिन, यह खिलाड़ियों द्वारा विरोध प्रदर्शन जैसा लग रहा था. बाद में एक-एक करके सभी चले गए और दीपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में पहलवानों के एक समूह के साथ एक परिवार रह गया.”
उन्होंने कहा कि जब सच्चाई सामने आएगी, तो वे जवाब नहीं दे पाएंगे. इससे पहले पहलवान बजरंग पुनिया ने साथी पहलवान विनेश फोगट को अपना समर्थन दिया, जो जुलाना से हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं. उन्होंने कहा, “वे संगठन में काम करेंगे और पार्टी के ‘हाईकमान’ द्वारा दी गई जिम्मेदारी को निभाएंगे.” उन्होंने कहा, “हमने तय किया था कि हममें से केवल एक ही चुनाव लड़ेगा, और वह चुनाव लड़ रही है. मैं विनेश के साथ खड़ा हूं… मैं संगठन में काम करूंगा और हाईकमान द्वारा दी गई जिम्मेदारी को निभाऊंगा.”
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पहलवानों ने क्या कहा?
पहलवानों के कांग्रेस में शामिल होने के बाद उनके विरोध प्रदर्शन के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर पुनिया ने कहा कि उस समय उनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था. उन्होंने कहा, “हमें धरने पर क्यों बैठाया गया? वे कौन थे? कांग्रेस पार्टी के या किसी और के? उस समय हमारा राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था. हमने शुरू में किसी भी राजनेता को अपने मंच पर आने की अनुमति नहीं दी…उनका काम एक नैरेटिव सेट करना है…ऐसा कुछ नहीं है.” पुनिया ने कहा, “मैं सभी का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं. मुझे लगता है कि मुझे राजनीति में भी वही प्यार मिलेगा जो मुझे कुश्ती के जरिए मिला. मैं यहां लोगों की सेवा की भावना से आया हूं. मैं जमीनी स्तर पर रहकर कड़ी मेहनत करूंगा.” हरियाणा में 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान 5 अक्टूबर को होगा और नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 12 सितंबर है. मतगणना 8 अक्टूबर को होगी.