Budget 2024: विृत्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए लगातार सातवां बजट पेश किया, जिसमें खेती और किसानी पर खास ध्यान दिया गया है. वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र को 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, साथ ही सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक नई क्लस्टर योजना की घोषणा भी की. इसके अलावा, 400 जिलों में डिजिटल खरीफ फसल सर्वेक्षण किया जाएगा और ब्रांडिंग के माध्यम से दलहन और तिलहन के उत्पादन का विस्तार करने के लिए एक मिशन शुरू किया जाएगा.
इतना ही नहीं, पांच राज्यों में सार्वजनिक सहायता आधारित किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) जारी किए जाएंगे और झींगा, मछली और ब्रूडस्टॉक के लिए केंद्रीकृत प्रजनन केंद्रों का नेटवर्क स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. सरकार का ध्यान तिलहन में आत्मनिर्भरता हासिल करने पर है. तिलहन के मार्केटिंग, स्टोरेज और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 10,000 आवश्यकता-आधारित जैव-इनपुट केंद्र स्थापित किए जाएंगे. कृषि क्षेत्र का विकास सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिसमें 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. ब्रांडिंग के माध्यम से बढ़ावा दिया जाएगा. इसके अतिरिक्त, 32 फसलों के लिए 109 नई फसल किस्में लॉन्च की जाएंगी और सरकार जलवायु के अनुकूल बीज विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र, विशेषज्ञों और अन्य को वित्त पोषित करेगी.
कम ब्याज दरों पर किसानों को लोन
बता दें कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना से किसानों को कम ब्याज दरों पर लोन मिलता है. यह अल्पावधि ऋण किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है. ब्याज दरें कम होने के कारण किसानों को ऋण पर कम ब्याज देना पड़ता है. किसानों को कृषि कार्यों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई थी. इस योजना के तहत किसानों को 4 फीसदी ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का लोन मिलता है. यह कर्ज किसानों द्वारा साहूकारों से लिए गए कर्ज से काफी सस्ता है. किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत किसानों को आसानी से लोन मिल जाता है.
भारी ब्याज से बचने के लिए किसान भाई इस कार्ड का इस्तेमाल करते हैं. किसान क्रेडिट कार्ड के लिए पात्रता आयु 18 से 75 वर्ष है. किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत मृत्यु या स्थायी विकलांगता के मामले में 50,000 रुपये तक और अन्य जोखिमों के लिए 25,000 रुपये तक का कवरेज प्रदान किया जाता है. इस योजना के तहत पात्र किसानों को बचत खाता, स्मार्ट कार्ड और डेबिट कार्ड भी प्रदान किया जाता है. यह ऋण 3 साल के लिए वैध है और किसान फसल कटाई के बाद अपना ऋण चुका सकते हैं.
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कृषि में डिजिटल व्यवस्था
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि कृषि, रोजगार और सामाजिक न्याय हमारी सरकार की प्राथमिकताएं हैं. हमारी प्राथमिकताओं में शहरी विकास और ऊर्जा सुरक्षा भी शामिल है. कृषि क्षेत्र की उत्पादकता और दक्षता बहुत महत्वपूर्ण है. दलहन और तिलहन की उत्पादकता और भंडारण बढ़ाएं. 30 फसलों की 109 किस्में जल्द ही उपलब्ध होंगी. हमारा लक्ष्य तिलहन उत्पादों में आत्मनिर्भरता हासिल करना है. हम कृषि में डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगे, ताकि उत्पादकता बढ़ सके.
वित्त मंत्री ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये दिए. पिछले साल 1.25 लाख करोड़ दिये गये थे. यानी इस बार किसानों के लिए बजट 21.6% यानी 25 हजार करोड़ रुपये बढ़ाया गया है. हालांकि, किसानों की लगातार मांग के बावजूद बजट में न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई. किसान सम्मान निधि की राशि भी नहीं बढ़ाई गई है. यह 6,000 रुपये ही रह जाएगी.