PM Modi In Lok Sabha: देश का चुनावी माहौल और एजेंडा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेट कर दिया है. सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपनी बात रखते हुए प्रधानमंत्री पूरी तरह से रंग में दिखे. उन्होंने अपने संबोधन के ज़रिए लोकसभा चुनाव- 2024 के लिए एजेंडा भी तय कर दिया. अपने पूरे संबोधन में पीएम ने अपने 9 साल के कार्यकाल की तुलना कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के 10 साल से करते दिखाई दिए. उन्होंने साफ़ कर दिया कि बीजेपी यूपीए के कार्यकाल के मुकाबले अपने 10 साल की कामयाबियों को जनता के बीच रखेगी.
प्रधानमंत्री ने विपक्ष को पूरे भाषण के दौरान ‘निराशा में डूबे हुए लोग’ कहकर संबोधित किया और कई मौक़ों पर तीखे अंदाज में तंज भी कसे. काका हाथरसी और दुष्यंत की कविताओं से विपक्ष पर अपने अंदाज में हमला बोला तो वहीं देश के सभी वर्गों के लिए किए गए अपने काम को भी गिनाया. अपने भाषण में पीएम मोदी ने कांग्रेस और उनके नेताओं को ख़ास तौर पर निशाना बनाया.
इंडिया गठबंधन पर तंज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में बोलते हुए इंडिया गठबंधन के बिखराव पर चुटकी ली. उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को टारगेट करते हुए कहा कि कांग्रेस की सुस्त रफ्तार का कोई मुकाबला नहीं. विपक्ष ने ‘भानुमति का कुनबा जोड़ा, लेकिन एकला चलो रे करने लगे… प्रधानमंत्री ने तमाम दलों को नसीहत भी देते दिखाई दिए. उन्होंने कहा कि देश में आलोचना की जगह होनी चाहिए. लेकिन, विपक्ष आलोचना की बजाए अपना समय आरोपों में खर्च कर देता है. ये लोग(विपक्ष) अपना विपक्ष होने का भी फ़र्ज़ सही से नहीं निभा पा रहे हैं.
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पंडित नेहरू पर भी आरोप लगाए. पीएम मोदी ने नेहरू के एक भाषण का ज़िक्र किया जिसमें उन्होंने देश की जनता की कार्य-क्षमता की तुलना रूस और अमेरिका के नागरिकों से की थी. पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि नेहरू ने देश की जनता के सामर्थ्य को कमतर बताया था. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी भी इसी तरह की राय देश की जनता के प्रति रखती थीं.
’निराशा में डूबे हुए लोग’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कई मर्तबा विपक्ष को ‘निराशा में डूबे हुए लोग’ कहकर संबोधित किया. उन्होंने कहा कि देश 10 साल में तेज़ रफ़्तार से प्रगति कर रहा है, लेकिन निराशा में डूबे हुए लोगों को यह दिखाई नहीं देता. उन्होंने देश में स्टार्टअप और नई आर्थिक शक्तियों का ज़िक्र करते हुए कहा, “देश में आज 90 हज़ार स्टार्टअप हैं और इस क्षेत्र में हम तीसरे नंबर पर पहुंच चुके हैं. देश में 108 यूनिकॉर्न हैं.” पीएम मोदी ने इसके साथ ही रिन्यूएबल एनर्जी, एरोनॉटिक्स डेवलपमेंट्स, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, हायर एजुकेशन, स्पोर्ट्स परफ़ॉर्मेंस में भारत की बढ़ते क़द का ज़िक्र किया.
स्पोर्ट्स में प्रगति का हवाला देते हुए पीएम मोदी ने उन आरोपों का भी अप्रत्यक्ष रूप से जवाब दिया, जिसमें महिला पहलवानों के साथ ज्यादती की बात कही जाती रही है. पीएम ने कहा कि ओलंपिक से लेकर तमाम खेल प्रतिस्पर्धाओं में बेटियों ने देश का नाम ऊपर उठाया. उन्हें उनकी सरकार ने हर तरह के संसाधन और मौके मुहैया कराए हैं.
काका हाथरसी और दुष्यंत की कविताओं से विपक्ष पर कटाक्ष
प्रधानमंत्री ने विपक्षी दल खासकर कांग्रेस के घटते जनाधार पर तंज कसा. इसके लिए उन्होंने मशहूर कवि काका हाथरसी और दुष्यंत की रचनाओं का प्रयोग किया. पीएम ने कहा- कुछ लोग ऐसे निराशा में डूबे हैं, जिनके लिए काका हाथरसी ने मज़ेदार बात कही है,
“आगा पीछा देखकर, क्यों होते गमगीन
जैसी जिसकी भावना, वैसा दिखे सीन”
पीएम मोदी ने जनकवि दुष्यंत के शब्दों का भी विपक्षियों के ख़िलाफ़ अपने हमले में इस्तेमाल किया. उन्होंने कांग्रेस को निशाना बनाते हुए कहा-
“तुम्हारे पाँव के नीचे कोई ज़मीन नहीं
कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यक़ीन नहीं”
प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ का हवाला उन दावों के लिए दिया, जिसमें कांग्रेस की ओर से कहा गया था कि कोविड काल में मोदी सरकार के फेलियर पर हार्वर्ड में रिसर्च किया जाएगा. प्रधानमंत्री ने इसी आरोप को आधार बनाते हुए कहा- “भारत की बर्बादी पर हार्वर्ड में केस स्टडी होगी, यह कहा गया था. लेकिन, बीते वर्षों में हार्वर्ड में एक बढ़िया स्टडी हुई. उसका टॉपिक था; ‘द राइज एंड डिक्लाइन ऑफ इंडियाज कांग्रेस पार्टी’. मुझे विश्वास है. भविष्य में कांग्रेस की बर्बादी पर सिर्फ़ हार्वर्ड ही नहीं बड़े-बड़े विश्वविद्यालय में रिसर्च होने वाला है.”
यूपीए के दस साल, NDA के दस साल
अपने पूरे भाषण में प्रधानमंत्री का फ़ोकस इसी टॉपिक के इर्द-गिर्द रहा है. उन्होंने यूपीए के शासनकाल में हुए कॉमनवेल्थ घोटाले से लेकर 2जी समेत तमाम घोटालों की फेहरिस्त गिना डाली और उसी के बरक्स अपनी स्पोर्ट्स से लेकर स्पेक्ट्रम और रक्षा के क्षेत्र में अपनी सरकार के द्वारा किए गए कामों को गिनाया. इस दौरान उन्होंने आतंकी घटनाओं की भी तुलना अपने शासनकाल से की और विपक्षी दलों को सत्ता में रहते हुए देश को अस्थिर रखने का आरोप लगाया. इस दौरान उन्होंने अपने 10 साल के कार्यकाल का हवाला देते हुए हर वर्ग को संबोधित किया और उनका जिक्र भी किया. महिलाओं के लिए टॉयलेट और गैस सिलेंडर की सुविधा, आदिवासी एवं दलित गावों तक बिजली, सड़क और पानी की व्यवस्था, ग़रीबों के लिए पक्के आवास की सुविधा का ज़िक्र किया. मिडिल क्लास को भी संबोधित करते हुए उन्हें सस्ते दर पर जन-औषधि केंद्र और घर के लिए लोन का ज़िक्र किया. साथ ही उन्होंने इंटरनेट डेटा भी यूपीए के मुकाबले सस्ते दर पर मुहैया कराने की बात कही.
आलोचना नहीं आरोप में समय गंवाया
पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष ने लोकतंत्र को समृद्ध बनाने के अपने कर्तव्य को भी सही से पूरा नहीं किया. उन्होंने कहा कि इन्होंने 9 साल सिर्फ़ आरोपों में गंवाएं. प्रधानमंत्री ने कहा, “सकारात्मक आलोचना की जगह इन्होंने (विपक्ष) सिर्फ आरोप लगाए. चुनाव हार जाओ तो ईवीएम ख़राब. चुनाव आयोग ख़राब. अगर कोर्ट का फैसला पक्ष में नहीं आया तो सुप्रीम कोर्ट को गाली दो. अगर भ्रष्टाचार की जांच हो रही है तो एजेंसियों को गाली दो. अगर सेना पराक्रम और शौर्य दिखाए तो सेना को गाली दो. देश आर्थिक मोर्चे पर प्रगति करे तो आर.बी.आई को गाली दो.” पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष ने संसदीय परंपरा के लिए ज़रूरी ‘कंस्ट्रक्टिव क्रिटिसिज्म’ को जगह नहीं दी. प्रधानमंत्री मोदी ने ED और सीबीआई के दुरुपयोग का भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मुझे लगा कि देश के नतीजे को देखते हुए विपक्षी दल एक मंच पर आएंगे. लेकिन, ये लोग ईडी के डर से एक मंच पर आ गए.
कुल मिलाकर प्रधानमंत्री मोदी का भाषण आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एक कसा हुआ और पूरी तैयारी के साथ हल्ला बोलने वाला भाषण दिखा. उन्होंने उस लकीर को भी खींच डाला जिसकी चर्चा बजट के बाद होने लगी थी. राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले ये सोच रहे थे कि लोकलुभावन बजट तो पेश नहीं हुआ, अब पीएम मोदी क्या राम मंदिर के सहारे चुनाव में जाएँगे. लेकिन, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर संबोधन से साफ हो चुका है कि बीजेपी मोदी सरकार के 10 साल बनाम यूपीए के 10 साल को आगे रखेगी और इसी का हिस्सा राम मंदिर भी हो सकता है.