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Byju Raveendran: फाउंडर बायजू रविंद्रन को लगा तगड़ा झटका, शेयर होल्डर्स ने किया बोर्ड से बाहर

Byju Raveendran Trouble

Byju's के फाउंडर और सीईओ बायजू रविंद्रन

Byju Raveendran Trouble: एडटेक कंपनी बायजू के फाउंडर और सीईओ बायजू रविंद्रन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. कर्ज के बोझ तले कंपनी से फाउंडर और सीईओ बायजू रविंद्रन को हटा दिया गया है. कपंनी के शेयर होल्डर्स ने शुक्रवार, 23 फरवरी को बड़ा फैसला लेते हुए बायजू रविंद्रन के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्यों को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया. वहीं बायजू रविंद्रन के परिवार ने कपंनी के शेयर होल्डर्स की ओर से किए वोटिंग को गलत बताया है.

कंपनी को गलत तरीके से चलाने का आरोप

बायजू की पैरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के शेयरहोल्डर्स प्रोसस के हवाले से न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बताया कि बायजू के फाउंडर और सीईओ बायजू रविंद्रन और उनके परिवार को कंपनी को गलत तरीके से चलाने के कारण हटाया गया है. यह फैसला कंपनी की जनरल मीटिंग(EGM) में लिया गया है. बताते चलें कि इस जनरल मीटिंग में बायजू रविंद्रन और उनकी परिवार की ओर से कोई भी नहीं शामिल हुआ था. इसके बाद उनके परिवार ने ईजीएम में उनके खिलाफ हुई वोटिंग को अवैध करार दिया है.

13 मार्च को कर्नाटक हाई कोर्ट करेगा सुनवाई

मिल रही जानकारी के अनुसार बायजू कंपनी के 60 फीसदी से ज्यादा शेयरहोल्डर्स ने सीईओ रविंद्रन को हटाने के फैसले पर मुहर लगाई है. प्रोसस ने बताया कि ईजीएम में बायजू रविंद्रन और उनके परिवार को हटाने समेत कई अन्य फैसले भी सर्वसम्मति से लिए गए. इन फैसलों में कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का फिर से गठन करने का प्रस्ताव भी शामिल है. बता दें कि ईजीएम के इस फैसले के बाद थिंक एंड लर्न और उसके फाउंडर बायजू रविंद्रन का अपनी कंपनी पर कोई नियंत्रण नहीं रह जाएगा. इसके साथ ही 13 मार्च को कर्नाटक हाई कोर्ट बायजू रविंद्रन की याचिका पर सुनवाई करेगा. कोर्ट की सुनवाई तक जनरल मीटिंग में हुए फैसले लागू नहीं होंगे. बताते चलें कि बायजू रविंद्रन ने ईजीएम बुलाने के खिलाफ याचिका दायर की है.

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बायजू के चार निवेशकों ने की मांग

इससे पहले बायजू के चार निवेशकों ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में कंपनी के मैनेजमेंट के खिलाफ कुप्रबंधन का आरोप लगाया और मुकदमा भी दायर किया. मुकदमे में उन्होंने कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन को कंपनी चलाने के लिए अयोग्य ठहराने की मांग की और कहा कि बायजू का फॉरेंसिक ऑडिट किया जाए. इसके साथ-साथ कंपनी में नए बोर्ड को नियुक्त करने की मांग करते हुए राइट्स इश्यू को शून्य घोषित करने की बात कही. बता दें कि एक समय पर देश का सबसे मूल्यवान स्टार्टअप कहे जाने वाले बायजू को वित्त वर्ष 2022 में 8245 करोड़ का घाटा हुआ है. इसी के साथ कंपनी देश की सबसे ज्यादा घाटे में चलने वाली कंपनियों में भी शामिल हो गई है.

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