CAA Implemented: लोकसभा चुनाव से पहले सोमवार, 11 मार्च को केंद्र की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने CAA यानी नागरिकता(संशोधन) अधिनियम, 2019 को पूरे देश में लागू कर दिया है. गृह मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर इस बात की जानकारी दी. वहीं केंद्र सरकार के इस फैसले को AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने विभाजनकारी बताया है. साथ ही इसे नागरिकता को धर्म या राष्ट्रीयता से न जोड़ने की बात कही है.AIMIM चीफ ने यह भी कहा कि लोगों के पास इस नियम का विरोध करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा.
गोडसे की सोच पर आधारित है CAA- ओवैसी
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले लागू करने पर सवाल उठाए हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ ओवैसी ने लिखा, ‘आप क्रोनोलॉजी समझिए, पहले चुनाव का मौसम आएगा, फिर CAA के नियम आएंगे. CAA पर हमारी आपत्तियां जस की तस हैं.’ उन्होंने दावा किया कि CAA विभाजनकारी है और गोडसे की सोच पर आधारित है जो मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहता था.
Aap chronology samajhiye, pehle election season aayega phir CAA rules aayenge. Our objections to CAA remain the same. CAA is divisive & based on Godse’s thought that wanted to reduce Muslims to second-class citizens.
Give asylum to anyone who is persecuted but citizenship must…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 11, 2024
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ओवैसी ने CAA को जोड़ा NPR-NRC से
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने शरणार्थियों को नागरिकता, धर्म या राष्ट्रीयता न जोड़ने की बात फिर से दोहराते हुए आगे लिखा, ‘सताए गए किसी भी व्यक्ति को शरण दें लेकिन नागरिकता, धर्म या राष्ट्रीयता पर आधारित नहीं होनी चाहिए. वहीं इसे लोकसभा चुनाव से पहले लागू करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि, ‘सरकार को बताना चाहिए कि उसने इन नियमों को पांच साल तक क्यों लंबित रखा और अब इसे क्यों लागू कर रही है. CAA को NPR-NRC से जोड़ते हुए कहा, ‘ NPR-NRC के साथ, CAA का उद्देश्य केवल मुसलमानों को टारगेट करना है, और इसका कोई दूसरा उद्देश्य नहीं है.’