Vistaar NEWS

सावधान! पैरासिटामॉल, शुगर-बीपी समेत 50 से ज्यादा दवाइयां क्वालिटी टेस्ट में फेल, देखें लिस्ट

Medicine

कई दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल

CDSCO: भारत में दवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं. सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) की रिपोर्ट में देशभर में इस्तेमाल की जाने वाली कई दवाएं गुणवत्ता परीक्षण में फेल पाई गईं. इनमें मधुमेह, उच्च रक्तचाप, एसिड रिफ्लक्स, विटामिन और कैल्शियम सप्लीमेंट्स के साथ-साथ बच्चों के लिए दी जाने वाली एंटीबायोटिक दवाएं भी शामिल हैं.

कौन सी दवाएं हुईं टेस्ट में फेल?

रिपोर्ट में कई दवाओं को गुणवत्ता के मानकों पर खरा नहीं पाया गया है. इनमें शामिल हैं:

1. पैरासिटामॉल (500 mg): यह दवा हल्के बुखार और दर्द निवारक के रूप में हर घर में पाई जाती है, लेकिन परीक्षण में यह फेल हो गई.

2. ग्लाइमेपिराइड: यह एक एंटी-डायबिटिक दवा है जो मधुमेह के इलाज में उपयोग होती है. इसका निर्माण अल्केम हेल्थ ने किया था.

3. टेल्मा H (टेल्मिसर्टान 40 mg): यह ग्लेनमार्क द्वारा निर्मित दवा उच्च रक्तचाप के इलाज के लिए उपयोग होती है, लेकिन यह भी परीक्षण में बिलो स्टैंडर्ड पाई गई.

4. Pan D: एसिड रिफ्लक्स के इलाज में दी जाने वाली अल्केम हेल्थ साइंस की यह दवा भी क्वालिटी स्टैंडर्ड पर खरी नहीं उतरी.

5. शेल्कल C और D3 कैल्शियम सप्लीमेंट्स: Pure & Cure हेल्थकेयर द्वारा निर्मित और टोरेंट फार्मास्यूटिकल्स द्वारा वितरित यह सप्लीमेंट भी फेल हो गया.

6. क्लैवम 625: यह एंटीबायोटिक दवा भी गुणवत्ता परीक्षण में असफल रही.

7. सेपोडेम XP 50 ड्राई सस्पेंशन: बच्चों में गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण के इलाज के लिए हेटेरो कंपनी द्वारा बनाई गई यह दवा फेल पाई गई.

8. Pulmosil: सन फार्मा की इरेक्टाइल डिसफंक्शन के इलाज के लिए दी जाने वाली यह दवा भी गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरी.

9. Pantocid: एसिडिटी और रिफ्लक्स के इलाज में दी जाने वाली यह दवा सन फार्मा की ओर से बनाई जाती है, लेकिन यह भी फेल रही.

10. Ursocol 300: सन फार्मा की यह दवा भी क्वालिटी स्टैंडर्ड पर खरा नहीं उतरी.

11. Defcort 6: मैकलॉयड्स फार्मा की गठिया के इलाज में दी जाने वाली यह दवा भी परीक्षण में असफल रही.

कंपनियों की प्रतिक्रिया

रिपोर्ट आने के बाद इन दवाओं की कई निर्माता कंपनियों ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि ये बैच उनके द्वारा निर्मित नहीं किए गए थे और संभवतः ये नकली उत्पाद हो सकते हैं. कंपनियों ने यह भी कहा कि वे इस मामले में जारी जांच के नतीजों का इंतजार कर रही हैं. नकली दवाओं के बाजार में आने का यह मामला गंभीरता से लिया जा रहा है.

CDSCO की भूमिका

CDSCO ने यह स्पष्ट किया कि यह रिपोर्ट नकली दवाओं के उत्पादन की जांच के आधार पर बनाई गई है. फिलहाल, एजेंसी यह देख रही है कि ये दवाएं बाजार में नकली रूप में तो नहीं आई हैं या फिर इनका उत्पादन मानकों का उल्लंघन कर किया गया है.

क्या होंगे खतरे?

गुणवत्ता में फेल दवाएं स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं. यदि नकली दवाएं बाजार में आ रही हैं, तो यह न केवल चिकित्सा उपचार को प्रभावित करता है, बल्कि देश की स्वास्थ्य सेवाओं की साख पर भी सवाल खड़ा करता है.

यह भी पढ़ें: चुनाव के बीच Vinesh Phogat की बढ़ी मुश्किलें, NADA ने जारी किया नोटिस, जानिए पूरा मामला

Exit mobile version