NEET UG Paper Leak Case: शिक्षा मंत्रालय द्वारा NEET-UG परीक्षा में कथित गड़बड़ियों की व्यापक जांच CBI को सौंपे जाने के बाद एजेंसी ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की शिकायत पर अब सीबीआई ने नया केस दर्ज किया है. व्यापक जांच किए जांच एजेंसी राज्यों में दर्ज एफआईआर को टेक ओवर करेगी. राज्यों ने जो आरोपी गिरफ्तार किए हैं, उन्हें भी सीबीआई कस्टडी में लिया जाएगा.
परीक्षा में पारदर्शिता के लिए शिक्षा मंत्रालय ने एक समीक्षा की. इसके बाद इस मामले को व्यापक जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपने का फैसला किया है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) रविवार को अंडरग्रेजुएट नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET UG) 2024 परीक्षा में एक “बड़ी साजिश” की जांच के लिए बिहार और गुजरात के लिए टीमें भेजेगा.
ये भी पढ़ें- Delhi Water Crisis: तीसरे दिन भी आतिशी का भूख हड़ताल जारी, पानी के लिए कर रही हैं संघर्ष
शिक्षा मंत्रालय ने अनियमितता की मानी बात
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने माना है कि 5 मई की परीक्षा में अनियमितताएं, धोखाधड़ी, प्रतिरूपण और अन्य कदाचार हुए हैं. बता दें कि अभी तक बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) पिछले महीने से नीट-यूजी पेपर लीक मामले की जांच कर रही है और अलग-अलग जगहों से 19 लोगों को गिरफ्तार भी कर चुकी है. इसके अलावा, गुजरात पुलिस ने गोधरा में नीट-यूजी के लिए एक परीक्षा केंद्र पर कथित धोखाधड़ी के सिलसिले में एक कोचिंग सेंटर के प्रमुख सहित 6 दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया है.
एग्जाम से एक दिन पहले नीट पीजी स्थगित
NEET-UG के साथ, तीन अन्य परीक्षाओं-UGC NET, CSIR-UGC NET और NEET-PG को भी विवाद का सामना करना पड़ा है. परीक्षा के एक दिन बाद केंद्र द्वारा यूजीसी नेट रद्द कर दिया गया, जबकि सीएसआईआर-यूजीसी नेट और एनईईटी-पीजी परीक्षा स्थगित कर दी गई है.
परीक्षा में कदाचार से निपटने के लिए, केंद्र सरकार ने सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को अधिसूचित किया है. इस अधिनियम का उद्देश्य सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित प्रथाओं को रोकना और संबंधित मुद्दों का समाधान करना है.
जांच के लिए कमिटी का गठन
इसके अतिरिक्त, शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षाओं के पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन को सुनिश्चित करने के लिए इसरो के पूर्व अध्यक्ष के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. समिति परीक्षा प्रक्रिया में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और एनटीए की संरचना और कार्यप्रणाली की सिफारिश करेगी. उम्मीद है कि समिति दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.