NEET Paper Leak Case: पूरे देश में नीट यूजी परीक्षा 2024 को लेकर विवाद चल रहा है. छात्र और विपक्षी दल पेपर लीक के सबूत मिलने के बाद लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई के हाथ बड़ी सफलता लगी है. सीबीआई पेपर लीक गैंग के सॉल्वर्स कनेक्शन तक पहुंच गई है और इसी क्रम में पटना एम्स के तीन डॉक्टरों को हिरासत में लिया है.
जानकारी के मुताबिक, तीनों डॉक्टर 2021 बैच के मेडिकल स्टूडेंट्स हैं. सीबीआई ने तीनों के कमरों को सील कर दिया गया है और इनका लैपटॉप और मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया है. इससे पहले सीबीआई ने कथित रूप से नीट पेपर ले जाने वाले ट्रक से पर्चा उड़ाने वाले पंकज को भी गिरफ्तार किया था, जिसका हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल से कनेक्शन मिला था. जांच एजेंसी का दावा है किओएसिस स्कूल से ही पेपर संजीव मुखिया तक पहुंचा था.
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फरार चल रहा संजीव मुखिया
नीट यूजी परीक्षा लीक का मुख्य आरोपी संजीव मुखिया फरार चल रहा है. जांच एजेंसियों ने बताया कि संजीव कई पेपर लीक करवा चुका है. वो बिहार के अलावा देश के विभिन्न राज्यों में फैले पेपर लीक माफियाओं के साथ मिलकर काम करता है. उधर, सुप्रीम कोर्ट में आज गुरुवार को नीट-यूजी 2024 के आयोजन में कथित अनियमितताओं, कदाचार की जांच करने, परीक्षा रद्द करने और नये सिरे से परीक्षा आयोजित करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई होनी है.
जानें पूरा विवाद
नीट यूजी रिजल्ट आने के बाद मेडिकल स्टूडेंट्स सड़कों पर उतर गए हैं. दरअसल, इतिहास में पहली बार 67 अभ्यर्थियों को फुल मार्क्स मिले थे. साथ ही एक एग्जाम सेंटर से कई टॉपर निकले थे. इसके बाद छात्रों ने धांधली का आरोप लगाते हुए कई सवाल उठाए. जैसे, इस बार ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक पर 67 अभ्यर्थी रहे. पहली रैंक पर इतनी बड़ी संख्या में छात्र कैसे आ गए? 720 में से 718, 719 नंबर कैसे दिए गए? क्योंकि अगर छात्र सारे सवाल सही करता तो 720 नंबर मिलते. वहीं, एक भी गलत होता तो माइनस मार्किंग के कारण अधिकतम 715 नंबर मिलते और एक सवाल छोड़ देता तो 716 अंक मिलते.
उधर, एनटीए ने अनियमितता के आरोप को नकारते हुए पहले कहा था कि एग्जाम सेंटर में समय जाया होने के लिए दिए गए ग्रेस नंबर अधिक अंक आने का कारण है. हालांकि बाद में एनटीए ने उन अभ्यर्थियों के स्कोरकार्ड रद्द कर दिए, जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए थे. इन सभी छात्रों को दोबारा परीक्षा देने का विकल्प मिला था, लेकिन ये अनिवार्य नहीं था. जो छात्र दोबारा परीक्षा नहीं देना चाहते, उन्हें बिना ग्रेस मार्क्स के उनके ओरिजनल मार्क्स देने का ऐलान किया गया था. इन सब के बीच अब बिहार में नीट पेपर लीक होने का खुलासा हुआ है. जांच एजेंसियां मामले की जांच कर रही है.