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‘CEC चयन समिति में शामिल हों CJI’, राहुल के बाद बघेल ने भी ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर उठाए सवाल

Bhupesh Baghel, Rahul Gandhi, Lok Sabha Election

राहुल गांधी और भूपेश बघेल

नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar) को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. विपक्षी दल ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर सवाल खड़े कर रहे हैं. कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने इस नियुक्ति को मनमानी और एकतरफा बताया है. कांग्रेस का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट में यह मामला लंबित है, ऐसे में यह नियुक्ति नहीं की जानी चाहिए थी. इस बीच, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल का भी बयान आया है. बघेल ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी का शुरू से यही कहना है कि मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को माना जाए और चयन समिति में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को शामिल किया जाए.

भूपेश बघेल ने कहा कि जब 2-1 से फैसला होगा तो सबको मालूम है कि क्या फैसला होगा. नियुक्ति कम से कम निष्पक्ष दिखनी चाहिए, जो कि नहीं दिखाई दे रही है. राजीव कुमार के कार्यकाल का जिक्र करते हुए बघेल ने कहा कि उनका कार्यकाल कैसा रहा, ये सबने देखा है.

बता दें कि सोमवार को चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को भारत का मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त कर दिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में तीन सदस्यों वाली समिति की बैठक में सोमवार को यह फैसला लिया गया. ज्ञानेश कुमार बुधवार यानी 19 फ़रवरी को मुख्य चुनाव आयुक्त की जिम्मेदारी संभालेंगे. सुप्रीम कोर्ट में सीईसी की नियुक्ति वाले नए नियम को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से पहले इसकी घोषणा के बाद विवाद बढ़ गया है. इसी के बाद कांग्रेस समेत अन्य दलों ने मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं.

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ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर बवाल

मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए बने नए कानून के तहत यह पहली नियुक्ति थी. इस कानून के अनुसार, पैनल में प्रधानमंत्री, पीएम द्वारा नामित एक मंत्री और नेता प्रतिपक्ष शामिल होने का प्रावधान है. इसलिए, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बने इस पैनल की प्रधानमंत्री कार्यालय में बैठक हुई थी. इसमें गृह मंत्री अमित शाह और राहुल गांधी मौजूद रहे.

राजीव कुमार के बाद तय प्रक्रिया के तहत, सबसे सीनियर चुनाव आयुक्‍त ज्ञानेश कुमार का नाम पैनल द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा गया था, जिस पर उन्‍होंने नियुक्ति की मुहर लगा दी. वहीं राहुल गांधी इस मीटिंग से पहले ही निकलकर चले गए थे. हालांकि, राहुल गांधी ने पैनल को एक असहमति पत्र भी दिया था, जिसमें उन्होंने सरकार पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.

राहुल गांधी ने भी लगाए आरोप

राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि आधी रात को सीईसी की नियुक्ति करना अपमानजनक और असभ्य है. इस समिति की संरचना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और 48 घंटे से भी कम वक्त में इस पर सुनवाई होनी है. दरअसल, वरिष्ठता के आधार पर ज्ञानेश कुमार का चयन हुआ है और यह तय प्रक्रिया के मुताबिक भी है, लेकिन विपक्ष का मत है कि अगर पैनल की संरचना को लेकर ही कोर्ट में मामला लंबित है तो उसके पहले यह नियुक्ति होनी ही नहीं चाहिए थी.

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