India-China Relation: चीन ने अरुणाचल प्रदेश में एक चोटी का नाम 6वें दलाई लामा के नाम पर रखने के भारत के फैसले पर नाराज़गी जताई है.चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि यह कदम अवैध है और इसे मान्यता नहीं दी जा सकती. उन्होंने कहा, “भारत का तथाकथित ‘अरुणाचल प्रदेश’ चीनी क्षेत्र में है.”
यह विवाद तब शुरू हुआ जब भारतीय रक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय पर्वतारोहण और साहसिक खेल संस्थान (NIMAS) ने एक अज्ञात चोटी पर चढ़ाई की. इस चोटी की ऊंचाई 20,942 फीट है और इसे 6वें दलाई लामा, त्संगयांग ग्यात्सो के नाम पर रखा गया. दलाई लामा का जन्म 1682 में इसी क्षेत्र में हुआ था.
दलाई लामा का ही नाम क्यों?
इस चोटी का नाम दलाई लामा के नाम पर रखने का मकसद उनके ज्ञान और मोनपा समुदाय के प्रति उनके योगदान को सम्मानित करना था. इस बीच अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने NIMAS टीम को इस सफलता पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि टीम ने मोन तवांग क्षेत्र की एक ऊंची चोटी पर चढ़ाई की है.
भारत और चीन के बीच विवाद
चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत कहता है और यहां के नाम बदलने की कोशिश कर रहा है. भारत ने हमेशा इन दावों को ठुकराया है और कहा है कि अरुणाचल उसका हिस्सा है. भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अरुणाचल यात्रा पर चीन के विरोध को भी नकारा. भारत का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का हिस्सा रहेगा. चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की तैनाती को लेकर मतभेद कम करने में सफलता हासिल की है.