Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को करनाल की बजाय अब लाडवा से चुनावी मैदान में भेजा गया है. यानी पार्टी ने सैनी को नई सीट से चुनाव लड़ाने का दांव खेला है. करनाल से तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर विधायक थे. उन्होंने इस्तीफा दिया तो पार्टी ने सैनी को इस सीट से जून में उपचुनाव लड़ाया था. अब तीन महीने बाद सैनी नई सीट से चुनावी मैदान में दिखेंगे. हालांकि, ये इलाका सैनी के लिए नया नहीं है. वे मुख्यमंत्री बनने से पहले कुरुक्षेत्र से सांसद थे. लाडवा सीट भी कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र में आती है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी जीत की हैट्रिक लगाने पर जोर लगा रही है. बुधवार को पार्टी ने पहली लिस्ट में 67 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं. करनाल से इस बार जगमोहन आनंद को टिकट दिया गया है. नायब सिंह सैनी की जाटलैंड में मजबूत पकड़ मानी जाती है. वे ओबीसी नेता हैं. मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद करनाल सीट खाली हुई तो सैनी ने यहां से उपचुनाव लड़ा और कांग्रेस के सरदार तरलोचन सिंह को 41 हजार 483 वोटों के अंतर से हराया था.
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क्यों बदली गई सीएम नायब सिंह सैनी की सीट?
टिकट घोषणा से पहले सैनी खुद बार-बार करनाल सीट से चुनाव लड़ने की बात दोहरा रहे थे. इतना ही नहीं, उन्होंने 30 अगस्त को करनाल में बड़ा रोड शो भी किया था और करनाल की भूमि को नमन किया था. करनाल को खट्टर का गढ़ कहा जाता है. हालांकि, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने हफ्तेभर पहले ही संकेत दे दिए थे कि वो इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे. जबकि सीएम सैनी इस बार लाडवा से मैदान में उतरेंगे.
वहीं, सीएम सैनी का कहना था कि प्रदेश अध्यक्ष बड़ौली को मुझसे ज्यादा जानकारी है, क्योंकि पार्लियामेंट बोर्ड के अंदर जिन्होंने चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी, उनके नाम केंद्रीय नेतृत्व को बताने का काम प्रदेश अध्यक्ष ने किया है. अब फैसला पार्लियामेंट्री बोर्ड को करना है. अब जो भी निर्णय लिया जाएगा, वो हमें स्वीकार होगा. मैं सभी से आग्रह करूंगा कि उम्मीदवार नहीं, सिर्फ कमल का निशान देखें.
नायब सिंह का गृह क्षेत्र माना जाता है कुरुक्षेत्र
फिलहाल, सैनी की सीट बदलने के पीछे कई चर्चाएं हो रही हैं. बीजेपी ने करनाल से जगमोहन आनंद को टिकट दिया है, वे लंबे समय से पार्टी से जुड़े हैं और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के मीडिया सलाहकार भी रहे हैं. चूंकि, कुरुक्षेत्र को नायब सिंह सैनी का गृह क्षेत्र माना जाता है. यहां उनकी संगठन से लेकर इलाके में खासी पकड़ है. माना जा रहा है कि बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में एक तरह से सैनी की घर वापसी की है. हालांकि, विपक्ष का कहना है कि बीजेपी सेफ खेल रही है. वो किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती है.
विपक्ष का तर्क है कि सैनी 2009 और 2014 के विधानसभा चुनाव में नारायणगढ़ से चुनाव लड़े. 2009 में हार गए और 2014 में जीत हासिल की. बाद में खट्टर सरकार में मंत्री बनाए गए. जब 2019 का लोकसभा चुनाव आया तो पार्टी ने नायब को कुरुक्षेत्र से टिकट दिया. हालांकि, 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी नारायणगढ़ सीट से चुनाव हार गई थी.
पार्टी ने सीएम बनाकर चौंका दिया
माना जा रहा है कि पार्टी ने सैनी को इस बार विधानसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र से उतारने के पीछे रणनीति के तहत निर्णय लिया है. कुरुक्षेत्र में सैनी का घर थानेसर इलाके में आता है. वो मूल रूप से अंबाला के रहने वाले हैं. सैनी के सामने नई चुनौतियां हैं. ना सिर्फ खुद जीत हासिल करना है, बल्कि बीजेपी सरकार की हैट्रिक के लिए ताकत झोंकनी है. सैनी को 2023 में पार्टी ने हरियाणा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया. उसके बाद 12 मार्च, 2024 को पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर चौंका दिया.