Shivraj Singh Chauhan On Congress: कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को विपक्ष पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने लोकसभा में कहा कि महाभारत काल को याद करते समय लोग आमतौर पर भगवान कृष्ण के बारे में सोचते हैं, लेकिन विपक्ष को छल और अन्याय के प्रतीक शकुनि, चौसर और चक्रव्यूह याद आते हैं. शिवराज ने कहा, “जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी.” यानी जैसा भाव होता है, वैसा ही भगवान की छवि दिखती है.
कांग्रेस पर तंज कसते हुए लोकसभा में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुनाई महाभारत की कहानी@ChouhanShivraj #ParliamentarySession #Congress #BJP #ShivrajSinghChouhan #VistaarNews pic.twitter.com/pRSpIKomwx
— Vistaar News (@VistaarNews) August 2, 2024
किसान विरोधी होना कांग्रेस के डीएनए में है: चौहान
केंद्रीय कृषि मंत्री इतने पर ही नहीं रूके. उन्होंने कहा कि किसान विरोधी होना कांग्रेस के डीएनए में है. राज्यसभा में अपने मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2013-14 से पिछले 10 वर्षों में इस क्षेत्र के लिए बजट परिव्यय को कई गुना बढ़ा दिया है. उन्होंने कहा कि किसानों को अत्यधिक रियायती कीमतों पर उर्वरक मिल रहे हैं और उन्हें कम कीमतों पर कृषि पोषक तत्व मिलते रहेंगे.
यह भी पढ़ें: Delhi Coaching Incident: हाई कोर्ट ने CBI को सौंपी जांच, कहा- शुक्र है, दिल्ली पुलिस ने पानी का चालान नहीं काटा
किसानों के लिए सरकार की छह प्राथमिकताएं: शिवराज
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मौजूदा सरकार ने छह प्राथमिकताएं तय की हैं, जिनमें कृषि उत्पादन बढ़ाना, इनपुट लागत कम करना, लाभकारी मूल्य प्रदान करना और आपदाओं के मामले में पर्याप्त राहत प्रदान करना शामिल है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके मंत्री शिवराज ने विपक्षी दलों को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार उनके ठोस सुझावों पर विचार करने और व्यावहारिक सुझावों को लागू करने के लिए तैयार है.
शिवराज बोले- कांग्रेस ने किसानों को ठगा
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर किसानों को ठगने का आरोप लगाया. उन्होंने, “कांग्रेस वर्षों तक सरकार में रही, लेकिन सिंचाई की व्यवस्थाओं पर कभी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया. इसके एक नहीं अनेक उदाहरण हैं. जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, तब सिर्फ साढ़े 7 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था थी. हमने इसे बढ़ाकर साढ़े 47 लाख हेक्टेयर किया.”