Maharashtra Assembly Election 2024: हाल ही में संपन्न हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा. वहीं, इंडी गठबंधन के सहयोगी दलों ने भी ‘अति आत्मविश्वास’ के लिए पार्टी को दोषी ठहराया. जिसके बाद अब कांग्रेस महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले सावधानी से कदम बढ़ा रही है. कांग्रेस महाविकास अघाड़ी गठबंधन को ध्यान में रखते हुए शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) से अधिक सीटें मांगते हुए एक संतुलन साधने की कोशिश कर रही है है. साथ ही, वह टिकट बंटवारे की परेशानियों को रोकने के लिए रणनीतियों पर काम कर रही है, जिसने हरियाणा चुनावों में उसकी हार तय कर दी है.
कांग्रेस ने संकेत दिया है कि वह वही “गलतियां” नहीं दोहराना चाहती जो उसने हरियाणा में की थीं. ऐसा एक संकेत तब मिला जब अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने हाल ही में राज्य के लिए दो वरिष्ठ समन्वयकों के साथ महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों में 11 वरिष्ठ पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की.
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“सहयोगी दलों को खुश रखना महत्वपूर्ण”
कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पार्टी ऐसे राज्य में कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती जहां उसका मजबूत दलित-मुस्लिम वोट आधार है और जहां उसने लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया है. तब कांग्रेस को महाराष्ट्र में 13 सीटें मिलीं – जो राज्य के सभी पार्टियों में सबसे अधिक थीं – जबकि भाजपा और शिवसेना (यूबीटी) ने नौ-नौ सीटें जीतीं. एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता जिन्हें महाराष्ट्र चुनाव की जिम्मेदारी दी गई है ने कहा, “महाराष्ट्र में हमारी समस्याएं हरियाणा से भिन्न हो सकती हैं क्योंकि हमारे पास (भूपिंदर) हुड्डा जी जैसा कोई बड़ा नेता नहीं है जो वहां अभियान संभाल रहे थे. लेकिन सीट बंटवारे पर मुखर रहने के साथ-साथ सहयोगियों को खुश रखने का मुद्दा भी महत्वपूर्ण है.
उनका बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि सेना (यूबीटी) उन सहयोगियों में से थी जिन्होंने कहा था कि कांग्रेस को और अधिक “समायोज्य” होना चाहिए. एक अन्य कांग्रेस नेता ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का कार्यालय महाराष्ट्र चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों पर कड़ी नजर रख रहा है.
“हरियाणा की तरह नहीं कर सकते”
वहीं, एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कह कि बैठकों के दौरान इस बात पर चर्चा हुई है कि हम चीजों को वैसे नहीं चलने दे सकते जैसा उन्होंने हरियाणा में किया था. महाराष्ट्र में एआईसीसी राज्य नेतृत्व और विशेष रूप से इच्छुक उम्मीदवारों के प्रबंधन में अधिक शामिल होना चाहती है. एक अन्य नेता जिन्होंने पहले ही महाराष्ट्र में प्रचार कार्य शुरू कर दिया है ने कहा कि पार्टी टिकट बंटवारे पर बहुत सोच समझ कर फैसला करेगी.