Cyclone Remal Latest Updates: बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने गहरे दबाव के कारण चक्रवाती तूफान रेमल ने बंगाल और बांग्लादेश के तटीय इलाकों में दस्तक दे दी है. प्रचंड रूप अख्तियार कर चुके चक्रवाती तूफान का तटीय इलाकों में लैंडफॉल शुरू हो गया है. वहीं तूफान आने के पहले से ही पश्चिम बंगाल के कोलकाता के कुछ हिस्सों में बारिश जारी है. रविवार की आधी रात तक यह तुफान दस्तक दे सकता है. भारत मौसम विज्ञान विभाग(India Meteorological Department) के मुताबिक, यह 110-120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के के तटीय इलाकों से टकराएगा जो 135 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ सकती है.
2020 में आए अम्फान के मुकाबले कम होगा असर
मौसम विभाग के मुताबिक रेमल उत्तर की ओर बढ़ रहा है. रविवार की आधी रात तक पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के बीच तटों को पार करने से पहले इसके और तेज होने की संभावना है. कोलकाता में मौसम विज्ञान विभाग के पूर्वी क्षेत्र के प्रमुख सोमनाथ दत्ता ने जानाकरी देते हुए कहा कि दक्षिण बंगाल के कई जिलों में रविवार शाम से 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने वाली हैं. इन हवाओं से कोलकाता, हावड़ा, हुगली और पूर्व मेदिनीपुर के कई इलाके प्रभावित होंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि रेमल नुकसान पहुंचाएगा, लेकिन इसके 2020 में आए चक्रवाती तूफान अम्फान के मुकाबले कम विनाशकारी रहने की संभावना है.
NDRF की की कुल 14 टीमें पश्चिम बंगाल में तैनात
इस तूफान को लेकर स्थानीय प्रशासन से लेकर भारतीय नौसेना भी नजर रखे हुए हैं. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने भी लोगों से सतर्क रहने को कहा और SOP का पालन करने का भी आग्रह किया है. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने कहा है कि वह इस हालात पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और इससे निपटने के लिए के लिए राज्य और केंद्रीय विशेषज्ञों के साथ लगातार जुडे़ हुए हैं. वहीं दिल्ली में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे निपटने की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की है. बता दें कि चक्रवाती तूफान रेमल इस सीजन का पहला प्री-मानसून चक्रवात है. यह 110-120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के के तटीय इलाकों से टकराएगा. रफ्तार 135 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ सकती है. NDRF ने जानकारी देते हुए बताया है कि NDRF की की कुल 14 टीमें पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान रेमल की दस्तक को देखते हुए बचाव और राहत कार्यों में सहायता के लिए तैनात हैं.