Raghav Chadha Bungalow Case: दिल्ली हाई कोर्ट की एक डिवीजन बेंच ने आज आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा के बंगला आवंटन रद्दीकरण के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया. यह याचिका राज्यसभा सचिवालय के हाउस कमेटी द्वारा उनके आवंटित Type VII बंगले को रद्द किए जाने के खिलाफ थी.
इस मामले में सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति रेखा पाल्ली ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया. चड्ढा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मामले की जल्द सुनवाई की मांग की, जिसे अदालत ने स्वीकार किया और मामले को 18 दिसंबर 2024 को सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया. यह मामले अब एक अन्य बेंच के सामने रखा जाएगा जिसमें न्यायमूर्ति पाल्ली शामिल नहीं होंगे.
क्या है मामला?
राघव चड्ढा को मार्च 2023 में राज्यसभा हाउस कमेटी के अध्यक्ष ने उनका आवंटित बंगला, AB-5, पंडारा रोड, दिल्ली, रद्द करने का आदेश दिया था. चड्ढा ने इस फैसले को अत्यंत जल्दबाजी में लिया गया और ‘मनमाना’ बताते हुए पहले पटियाला हाउस अदालत में याचिका दायर की थी. उन्होंने दावा किया कि उन्हें सुनवाई का मौका नहीं दिया गया था और यह निर्णय बिना किसी उचित कारण के लिया गया था.
राज्यसभा सचिवालय ने इस दौरान जिला अदालत में यह तर्क रखा था कि चड्ढा एक नए राज्यसभा सदस्य हैं और उन्हें Type VII बंगला आवंटन का कोई अधिकार नहीं था. चड्ढा को केवल Type VI बंगला ही मिलने का हक था. इसके अलावा, राज्यसभा के सचिवालय ने यह भी बताया कि चड्ढा को और भाजपा सांसद डॉक्टर राधा मोहन दास को जो उच्च श्रेणी के बंगले आवंटित किए गए थे, वे उनके अधिकार से अधिक थे. इसी आधार पर इन आवंटनों को रद्द कर दिया गया था.
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क्या था अदालत का फैसला?
पटियाला हाउस जिला अदालत ने अप्रैल 2023 में चड्ढा की याचिका खारिज कर दी थी और राज्यसभा सचिवालय को बंगला खाली करने का आदेश दिया था. हालांकि, दिल्ली उच्च न्यायालय ने अक्टूबर 2023 में इस आदेश पर स्थगन आदेश जारी किया, जिससे चड्ढा को बंगला खाली करने से राहत मिल गई थी. अब, चड्ढा का यह मामला दिल्ली उच्च न्यायालय में विचाराधीन है और 18 दिसंबर को सुनवाई होने की संभावना है.