Delhi Landfill Sites: दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल साइट पर रविवार की शाम से आग लगी हुई है. वहीं लैंडफिल साइट से आग लगने के कारण लगातार धुंआ उठ रहा है. वहीं दिल्ली फायर सर्विसेज का कहना है कि आग लैंडफिल में पैदा हुई गैस के कारण लगी थी. किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. इस मामले पर अब सियासत भी शुरू हो गई है.
तमाम जद्दोजहद के बाद भी धधक रहे इस कूड़े के पहाड़ से निकल रही जहरीली गैस और धुएं से पूरा इलाका भर गया है. आसपास के इलाकों में रह रहे लोगों के लिए यह मुसीबत बना हुआ है. इन इलाकों में धुएं और बदबू से लोग परेशान हैं. उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है और प्रदुषण भी बढ़ता जा रहा है.
#WATCH दिल्ली: एक स्थानीय निवासी ने बताया, “…लोग परेशान हैं। बात करने में भी परेशानी हो रही है क्योंकि प्रदूषण काफी ज्यादा है… कल सुबह से यहां आग लगी हुई है… प्रशासन की कोई कार्रवाई नहीं है। हमारी प्रशासन से ये गुजारिश है कि इस बारे में विचार करें क्योंकि हमें इसकी वजह से… https://t.co/gBVqMBCX6S pic.twitter.com/rvtUfJ6Ct5
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 22, 2024
क्या बोले लोग
एक स्थानीय निवासी ने बताया, “लोग परेशान हैं. बात करने में भी परेशानी हो रही है क्योंकि प्रदूषण काफी ज्यादा है. कल सुबह से यहां आग लगी हुई है. प्रशासन की कोई कार्रवाई नहीं है. हमारी प्रशासन से ये गुजारिश है कि इस बारे में विचार करें क्योंकि हमें इसकी वजह से सांस लेने में परेशानी हो रही है और कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.”
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स्थानीय निवासी सुमित ने कहा, “मुझे सांस लेने में दिक्कत हो रही है. प्रशासन लापरवाही बरत रहा है. धुएं का बुजुर्गों पर गंभीर असर होगा.” वहीं दिल्ली फायर सर्विस SO नरेश कुमार ने कहा कि आग लैंडफिल में पैदा हुई गैस के कारण लगी थी. लेकिन बीते सालों के दौरान यह घटनाएं आम हो गई हैं.
कितनी हुई घटनाएं
अगर पुराने रिकॉर्ड को खंगाला जाए तो 2019 में यहां छह आग लगने की घटनाएं हुई थीं. 2020 में आठ, 2021 में चार और 2022 में पांच आग लगने की घटनाएं गाजीपुर के कूड़े के पहाड़ पर हुई हैं. वहीं ओखला लैंडफिल साइट पर 2019 में 25, 2020 में छह और 2022 में दो घटनाएं हुई हैं.
इसके अलावा भलस्वा लैंडफिल साइट पर 2019 में कूड़े में छह बार आग लगी थी. वहां 2020 में एक, 2021 में 21 और 2022 में 14 बार आग लगी. ऐसे में देखा जाए तो दिल्ली के कूड़े के पहाड़ इलाके के लोगों के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं.