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शराब घोटाले से दिल्ली को हुआ 2000 करोड़ का नुकसान? CAG की लीक रिपोर्ट पर बीजेपी-AAP में घमासान

Arvind Kejriwal

अरविंद केजरीवाल (फोटो- सोशल मीडिया)

दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) को लेकर राजधानी में सियासी पारा हाई है. राजनीतिक दलों की बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोपों के बीच नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट को लेकर भी घमासान छिड़ गया है. पहले, ‘शीशमहल’ और अब शराब घोटाला मामले में CAG की रिपोर्ट का हवाला देते हुए भारतीय जनता पार्टी ने सत्ताधारी आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. बीजेपी ने दावा किया है कि शराब नीति घोटाले से दिल्ली को 2 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. विपक्षी दल ने दावा किया है कि इसमें कई AAP नेताओं को रिश्वत भी मिली. वहीं, इस दावे पर AAP ने सवाल किया है कि ये रिपोर्ट कहां से आ रही है.

इंडिया टुडे के मुताबिक, कैग की लीक हुई रिपोर्ट में बताया गया है कि शराब नीति में काफी गड़बड़ियां थीं, जिनमें लाइसेंस देने में खामी भी शामिल है. इसमें आम आदमी पार्टी के नेताओं को कथित तौर पर रिश्वत के जरिए लाभ पहुंचाया गया. डिप्टी चीफ मिनिस्टर जिस ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की अगुआई कर रहे थे और उन्होंने एक्सपर्ट पैनल के सुझावों को खारिज कर दिया था। यहां तक कि कई अहम फैसलों पर उप-राज्यपाल की मंजूरी भी नहीं ली गई थी.

2026 करोड़ का घोटाला जानबूझकर किया गया- सचदेवा

पूरे मामले पर दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी को जमकर घेरा. वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि हमारी पार्टी पहले दिन से ही एक बात कह रही है कि 2026 करोड़ का घोटाला जानबूझकर किया गया घोटाला है. CAG रिपोर्ट के मुताबिक यह एक सोची समझी साजिश थी, जो परियोजना बनाई गई थी उसमें फेर-बदल किए गए थे. हर बार सरकारी नियमों की अवहेलना की गई थी. क्यों अरविंद केजरीवाल CAG रिपोर्ट को विधानसभा पटल पर नहीं रख रहे हैं?”

वहीं भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने भी आम आदमी पार्टी और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को घेरते हुए कहा, “दिल्ली की खुशियों को हटाकर दलाल की भूमिका निभाने वाले आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल की सारी भ्रष्टाचार की कहानी CAG ने बता दी है. ये वही CAG रिपोर्ट है जिसे कभी 2013 में अरविंद केजरीवाल लहराकर शीला दीक्षित के खिलाफ लड़ते थे और आज उसी CAG रिपोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को भ्रष्टाचारी घोषित कर दिया है.”

कांग्रेस ने भी केजरीवाल को घेरा

आम आदमी पार्टी की मुश्किलें यहीं कम नहीं हुई हैं. भाजपा के साथ अब कांग्रेस ने भी केजरीवाल पर हमला बोल दिया है. केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ रहे संदीप दीक्षित ने कहा, “CAG ने कहा है कि शराब नीति में 2000 करोड़ का घोटाला हुआ है. अब तो यह बात स्पष्ट हो गई है कि उन्होंने (अरविंद केजरीवाल) गलत काम किया है. उन्होंने सरकारी खजाना खाली कर दिया है. शराब नीति के कारण अगर 6 महीने में 2000 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. वह योजना अगर अभी तक चल रही होती तो हमें 10,000-12,000 करोड़ का नुकसान हो चुका होता.”

AAP ने उठाए दावों पर सवाल

दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी ने भाजपा के दावे पर सवाल उठाया और कहा कि ये रिपोर्ट कहां से आई. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि यह बहुत बड़ा चुनावी घोटाला है जो नई दिल्ली में केंद्रीय चुनाव आयोग की नाक के नीचे हो रहा है। यह वास्तव में बहुत आश्चर्यजनक है. चुनाव आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए. संजय सिंह ने कहा कि दुनिया की तथाकथित सबसे बड़ी पार्टी अरविंद केजरीवाल के शौचालय में फंसी हुई है, चुनाव में इनका सफाया हो जाएगा.

दरअसल, ये वही कथित घोटाला है जिसके छींटे आम आदमी पार्टी और केजरीवाल के दामन पर लगे हैं और इन आरोपों के कारण मनीष सिसोदिया और तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल को महीनों तक जेल में गुजारने पड़े. वहीं एक बार फिर अब कैग की लीक हुई रिपोर्ट आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ाती दिखाई दे रही है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली चुनाव में CAG रिपोर्ट की एंट्री, ‘शीश महल’ पर 34 करोड़ खर्च करने के आरोप, कभी केजरीवाल ने कैग के हवाले से शीला दीक्षित को किया था सत्ता से बेदख़ल!

शीशमहल पर भी घिरी आम आदमी पार्टी

बता दें कि इसके पहले, बीजेपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया था कि 2022 तक CAG की रिपोर्ट में तत्कालीन सीएम के सरकारी बंगले के नवीनीकरण पर 33.86 करोड़ रुपये खर्च दिखाया गया. इसमें ऐशों-आराम की इतनी चीजें हैं कि इसे ‘शीश महल’ नाम दिया गया है. सचदेवा ने आरोप लगाए कि केजरीवाल की तरफ़ से बंगले में 33.86 करोड़ रुपये से भी ज़्यादा पैसे लगे हैं. उन्होंने कहा, ”यह रिपोर्ट 2022 तक के खर्च की है. 2023 और 2024 के खर्चों का कोई विवरण नहीं है. हमारी जानकारी के मुताबिक, यदि बंगले में इस्तेमाल की गई वस्तुओं की सूची जोड़ी जाए, तो यह खर्च 75-80 करोड़ रुपये तक पहुंचता है.”

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