Devendra Fadnavis: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के 11 दिन बीत जाने के बाद आज राज्य के मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान हुआ है. महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस होंगे. फडणवीस तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद से ही देवेंद्र फडणवीस के नाम की चर्चा सीएम पद के लिए सबसे अधिक थी. चर्चाओं पर अब विराम लग चूका है और देवेंद्र फडणवीस 5 दिसंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. जिसका साक्षी मुंबई का आजाद मैदान बनेगा.
नागपुर के मराठी ब्राह्मण परिवार में 22 जुलाई 1970 को देवेंद्र फडणवीस का जन्म हुआ. उनके पिता गंगाधर राव RSS प्रचारक और BJP नेता थे. वह कुछ समय के लिए महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य भी रहे थे.
एक इंटरव्यू में देवेंद्र फडणवीस ने बताया था- 1975 में जब देशभर में इमरजेंसी लगी तो उनके पिता गंगाधर राव को भी गिरफ्तार कर लिया गया था. पिता के जेल जाने की खबर से फडणवीस को उस वक्त की इंदिरा सरकार पर बहुत गुस्सा आया. यहीं समय था जब फडणवीस को इंदिरा गांधी से नफरत हो गई. वे जिस स्कूल में पड़ते थे उसका नाम इंदिरा कॉन्वेंट स्कूल था.
पिता के जेल जाने से गुस्साए फडणवीस ने इंदिरा के नाम पर स्कूल का होने के कारण स्कूल छोड़ दिया. उस वक्त उनकी उम्र मात्र 6 साल की थी. सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय से शुरुआती पढ़ाई करने के बाद देवेंद्र ने धर्मपीठ जूनियर कॉलेज से 12वीं की. 1992 में उन्होंने लॉ की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद जर्मनी के बर्लिन शहर स्थित जर्मन फाउंडेशन फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट से उन्होंने बिजनेस मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया.
फडणवीस शुरू से ही राजनीति में जाना चाहते थे. इसीलिए इतनी डिग्री प्राप्त करने के बाद भी उन्होंने जॉब नहीं किया. कॉलेज की पढ़ाई के दौरान साल 1989 में उन्होंने RSS की स्टूडेंट विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी ABVP में शामिल हुए. नागपुर में RSS की शाखाओं में जाने वाले फडणवीस को जल्द ही प्रचारक बना दिया गया.
नितिन गडकरी को मानते हैं राजनीतिक गुरु
देवेंद्र फडणवीस RSS प्रमुख मोहन भगवत के साथ-साथ पीएम मोदी और अमित शाह के भी करीबी हैं. पिता से विरासत में मिली राजनीति में देवेंद्र फडणवीस कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी को अपना ‘राजनीतिक गुरु’ मानते हैं.
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सबसे युवा मेयर बने थे फडणवीस
देवेंद्र फडणवीस को अपने पिता से राजनीतिक विरासत मिली थी. इसलिए जब उन्होंने राजनीति में कदम रखा तो उन्हें बड़े नेताओं से पहचान बनाने और आगे बढ़ने में कोई दिक्कत नहीं हुई. पिता के निधन के बाद देवेंद्र के बड़े भाई आशीष फडणवीस ने अपना राजनीतिक करियर छोड़ दिया और उन्होंने घर की जिम्मेदारी ली.
साल 1992 में नागपुर नगर पालिका से फडणवीस कॉर्पोरेटर चुने गए थे. इसके बाद 27 साल की उम्र में वह 1997 में नागपुर नगर निगम के रामनगर वार्ड से नगरपालिका चुनाव में में उतरे थे. इस चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की थी. इस जीत से वह सबसे युवा मेयर बने थे.
देवेंद्र फडणवीस पहली बार साल 1999 में नागपुर वेस्ट सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. 2004 में भी उन्होंने इसी सीट से जीत दर्ज की थी. इसके बाद वह लगातार 3 बार नागपुर साउथ वेस्ट से विधायक बने.
इसके बाद वह 31 अक्टूबर 2014 से 12 नवंबर 2019 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने. 1972 में वसंतराव नाईक के बाद अपना कार्यकाल पूरा करने वाले पहले युवा मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद साल 2019 में देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि 2 दिन बाद महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार गिर गई और देवेंद्र फडणवीस विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाए. उस वक्त उन्होंने विधानसभा में खड़े होकर कहा था, ‘मेरा पानी उतरता देख किनारे पर घर मत बसा लेना, मैं समंदर हूं… लौट कर जरूर आऊंगा…’ अब एक बार फिर से देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं.