Sam Pitroda: यदि आपको अपने दादा-परदादा से मिली संपत्ति के लिए भी पैसे चुकाने पड़े तो आप क्या कहेंगे? वो भी तब जब पैसे सरकार लेती हो. आपके लिए भले यह सुनने में नया होगा, लेकिन अमेरिका में यह प्रावधान है. इसको लेकर अब भारत की राजनीति में उबाल आ गया है. दरअसल, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर बयान देकर राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है. पित्रोदा ने कहा, “भारत में भी ऐसी कानून व्यवस्था होनी चाहिए.”
हालांकि, कांग्रेस ने पित्रोदा के बयान कन्नी काट लिया है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि एक व्यक्ति अपने व्यक्तिगत विचारों पर चर्चा करने, व्यक्त करने और बहस करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पित्रोदा के विचार हमेशा कांग्रेस की स्थिति को दर्शाते हैं. वहीं पीएम मोदी भी कहां कांग्रेस को घेरने से चुकते हैं. उन्होंने भी एक चुनावी रैली में कहा, “अब कांग्रेस कह रही है कि माता-पिता से विरासत पर विरासत कर लगेगा…यदि कांग्रेस सत्ता में आई तो. जब तक आप जीवित हैं, वे आप पर उच्च कर दर लगाएंगे. और उसके बाद, वे विरासत कर लगाएंगे. ” सैम पित्रोदा के बयान पर मचे सियासी बवाल के बीच अब सवाल उठ रहा है कि क्या कांग्रेस लोकसभा चुनाव में बैकफुट पर आ गई है? आइये विस्तार से जानते हैं…
कांग्रेस ने पित्रोदा के बयान से किया किनारा
बता दें कि सैम पित्रोदा के बयान को भाजपा ने कांग्रेस की नीति बताई है. चुकी भाजपा पहले से आरोप लगा रही है कि वो हिंदुओं की संपत्ति मुसलमानों में बांटना चाहती है. ऐसे में सैम पित्रोदा का यह बयान भी इसके समकक्ष माना जा रहा है. लेकिन सैम पित्रोदा के अमेरिकी नीति ज्ञान को बड़ा झटका तब लगा, जब कांग्रेस ही उनकी नीतियों से किनारा करने लगी. पार्टी के नेता जयराम रमेश ने तो सीधे सैम पित्रोदा के बयान से किनारा किया है. जबकि सैम इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं.
हाल के दिनों में पीएम मोदी के भाषणों पर अगर गौर करें तो उन्होंने राहुल गांधी के संपत्ति सर्वे वाले बयान और मेनिफेस्टो को लेकर कई बार कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है. राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि कांग्रेस की मंशा है कि वो आपके संपत्ति को मुसलमानों में बांट देगी. अब कांग्रेस की नजर महिलाओं के मंगलसूत्र पर है.
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पीएम मोदी को मिल गया एक और मुद्दा!
इस मुद्दे को लेकर पीएम मोदी जैसे ही हमलावर हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी से मिलने का समय मांग लिया. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि अगर पीएम मिलने का समय दें तो इस मुद्दे पर हम उनका गलतफहमी दूर करेंगे और मेनिफेस्टो की एक कॉपी उन्हें सौपेंगे. हालांकि, अपने बयानों से उठ रहे विवादों को देखते हुए अब सैम पित्रोदा ने भी पलटी मार ली है. उन्होंने बयान को तोड़ने मरोड़ने का आरोप लगाया है. सैम पित्रोदा ने कहा कि मेरे बयान को जानबूझकर तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है. ऐसा इसलिए हो रहा है ताकि पीएम मोदी ने कांग्रेस के घोषणा पत्र पर जो झूठ बोला है, उससे ध्यान हटाया जा सके.”
2019 में सिख दंगे पर बयान देकर घिरे थे पित्रोदा
ऐसा पहली बार नहीं है कि सैम पित्रोदा ने बयानों से पार्टी की मुश्किलें बढ़ाई हों. इससे पहले भी साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सैम पित्रोदा ने सिख दंगे पर बयान देकर हंगामा मचा दिया था. एक रैली में उन्होंने कहा था, “कांग्रेस के नेता ने 1984 के दंगों पर कहा कि जो हुआ तो हुआ, क्या आपको पता है ये कांग्रेसी नेता कौन हैं, यह गांधी परिवार के करीबी नेता हैं, इनका गांधी परिवार के साथ उठना-बैठना है. ये नेता गांधी परिवार के सबसे बड़े राज़दार हैं, राजीव गांधी के बहुत अच्छे दोस्त और आज कांग्रेस के नामदार अध्यक्ष के गुरु हैं.”
हालांकि, बाद में उन्होंने माफी मांगते हुए कहा था कि उनकी हिंदी ख़राब है वो जो कहना चाहते थे वैसा पूरी तरह हिंदी में नहीं बोल पाए. पित्रोदा ने इस मामले में माफ़ी मांगते हुए कहा था कि जो हुआ वह बुरा हुआ’ कहना चाहत थे. ‘बुरा हुआ’ शब्द का अनुवाद उनके दिमाग़ में उस वक़्त नहीं आ पाया. पित्रोदा ने बयान को तोड़-मरोड़कर और ग़लत तरीके से पेश करने की बात भी कही.