Economic Survey 2024: दुनियाभर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के चलते बड़े पैमाने पर रोजगार पर संकट को लेकर आगाह किया जाता रहा है. अब संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वे में भी एआई के असर को लेकर चिंता जाहिर की गई. वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने जो आर्थिक सर्वे तैयार किया है उसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में जो पेश किया है. सर्वे में आर्टिफियल इंटेलीजेंस के आविष्कार के बाद उससे सभी प्रकार के वर्कर्स पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंता जाहिर की गई है.
सर्वे में साफतौर पर कहा गया है कि आने वाले वर्षों और दशकों में भारत के उच्च विकास दर की राह में एआई सबसे बड़ा बाधा बन सकता है. सर्वे में सुझाव दिया गया है कि इसने निपटने के लिए भारत सरकार, राज्य सरकार और प्राइवेट सेक्टर को साझेदारी बनाकर काम करना होगा.
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कॉरपोरेट सेक्टर की समाज के प्रति बड़ी जिम्मेदारी
इकोनॉमिक सर्वे में दि इकोनॉमिस्ट मैगजीन में इंडीपेंडेंट रिसर्च आर्टिकल के हवाले से बताया गया अगले एक दशक में भारत का सर्सिवेज एक्सपोर्ट्स धीरे-धीरे खात्मे की ओर बढ़ सकता है. टेलीकम्यूनिकेशन और इंटरनेट बूम के चलते बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग को बढ़ावा मिला था लेकिन टेक्नोलॉजी लेवल पर अगले दौर का जो बदलाव आ रहा है उसपर रोक लग सकता है. आर्थिक सर्वे के मुताबिक, इस सब में कॉरपोरेट सेक्टर की समाज के प्रति बड़ी जिम्मेदारी है. उसे सोचना होगा कि किस प्रकार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस लेबर को बढ़ावा दे ना कि इसे खत्म कर दे. सर्वे के मुताबिक, आईटी सेक्टर में पिछले दो वर्षों में हायरिंग में कमी आई है.
AI से पैदा हुआ रोजगार का संकट
आर्थिक सर्वे के मुताबिक, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस कम या मध्यम आय वाले देशों की अर्थव्यवस्था की आखिरी जरूरत है. सर्वे ने इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड के नोट के हवाले से भी कहा कि आईएमएफ के नोट के मुताबिक जेनरेटिव आर्टिफियल इंटेलीजेंस के चलते रोजगार के संकट के साथ असमानता का खतरा पैदा हो गया है. आईएमएफ के स्टॉक डिस्कशन नोट ने कॉरपोरेट के मुनाफे पर ज्यादा टैक्स लगाने और देशों के बीच ऑटोमैटिक इंफॉरमेशन एक्सचेंज के जरिए बेहतर तरीके से पूंजी पर हाई पर्सनल इनकम टैक्स और कैपिटल गेन पर टैक्स बढ़ाने की वकालत की है.
नौकरियां पैदा करें कॉरपोरेट सेक्टर
सर्वे में लिखा है कि, रोजगार, केवल इनकम लाने से ही नहीं जुड़ा है बल्कि परिवार और समुदाय के बीच गरिमा, आत्म-मूल्य, आत्म-सम्मान से भी जुड़ा है. इसलिए ज्यादा मुनाफे की लालच में तैर रही भारतीय कॉरपोरेट सेक्टर के लिए ये जरूरी है कि नौकरियां पैदा करने की अपनी जिम्मेदारी को वो गंभीरता से ले.