Vistaar NEWS

Election Result: बंगाल में 2024 में BJP को क्यों मिली करारी हार? जानिए TMC ने कैसे बदला पूरा गेम

Election Result, Lok Sabha, BJP

बंगाल में 2019 के मुकाबले BJP को क्यों मिली करारी हार?

Lok Sabha Election Result 2024: देश में लोकसभा चुनाव 2024 संपन्न हो चुका है. इस चुनाव में NDA को 292 सीटें मिली हैं. वहीं INDIA ब्लॉक को 234 सीटें मिली है. हालांकि, BJP को इस चुनाव में पश्चिम बंगाल जैसे राज्य में बड़ा झटका लगा है. पश्चिम बंगाल में पिछले चुनाव के मुकाबले BJP की सीटें 18 से गिरकर 12 पर आ गई. तीन साल पहले विधानसभा चुनावों में हार के बाद राज्य में दूसरा सबसे बड़ा झटका लगा. तृणमूल कांग्रेस(TMC) ने राज्य की राजनीति में अपना दबदबा बनाए रखा है.

आसनसोल सीट पर भी BJP को मिली करारी हार

ममता बनर्जी की अगुआई वाली पार्टी ने उत्तर बंगाल में ज्यादा जोर लगाया. इस इलाके में BJP ने 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी 8 में से सभी 7 सीटें जीती थी. हालांकि, 2021 के विधानसभा चुनाव में TMC ने इस क्षेत्र में अपनी पकड़ फिर से बनाई और यह इस बार भी जारी रहा. TMC ने कूचबिहार में जीत हासिल की, जहां जगदीश चंद्र बर्मा बसुनिया ने केंद्रीय मंत्री निसिथ प्रमाणिक को 39 हजार वोटों से हराया. इस बीच कांग्रेस ने मालदा दक्षिण को अपने पास रखा. इस चुनाव में TMC ने जीत का सिलसिला जारी रखते हुए बर्धमान-दुर्गापुर, हुगली, मेदिनीपुर और बैरकपुर की सीटें BJP से छीन ली. वहीं आसनसोल से भी TMC प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है. इस सीट पर BJP ने 2019 में जीत दक्ज की, लेकिन 2022 में उपचुनाव में हार गई थी.

जंगलमहल के 4 सीटों पर भी हुआ BJP को नुकसान

आदिवासी बहुल जंगलमहल के इलाके में शामिल चार लोकसभा सीटों पर भी BJP को बड़ा झटका लगा है. 2019 के लोकसभा चुनाव में BJP ने झारग्राम, बांकुरा, बिष्णुपुर और पुरुलिया में जीत हासिल की. इस बार BJP सिर्फ बिष्णुपुर ही बचा पाई. हालांकि, BJP बनगांव और रानाघाट सीट को बचाने में सफल रही. इन सीटों पर मतुआ(शरणार्थी समुदाय) समुदाय के सदस्यों का प्रभाव माना जाता है. कुल मिलाकर, BJP ने 2024 के इस चुनाव में पुरुलिया, दार्जिलिंग, मालदा उत्तर, बिष्णुपुर, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, रायगंज, बालुरघाट, रानाघाट और बनगांव सीटों पर अपना परचम लहराया है. इस दौरान BJP के वोट शेयर को भी बड़ा डेंट पहुंचा है. इस चुनाव में BJP पार्टी का वोट शेयर 40.25% से गिरकर 38.73% हो गया है.

यह भी पढ़ें: PM Modi ने राष्ट्रपति मुर्मू को सौंपा अपना इस्तीफा, 8 जून को हो सकता है नई सरकार का शपथ ग्रहण

राम मंदिर, CAA और संदेशखली का मुद्दा हुआ विफल

TMC की मानें तो BJP को दूसरे चरण के बाद से BJP की ओर से किए गए हिंदुत्व समर्थक बयानबाजी से उसे बंगाल में हिंदू वोटों को एकजुट करने में उतनी मदद नहीं मिली जितनी उसे उम्मीद थी, हालांकि इससे ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली TMC को मुस्लिम वोटों को एकजुट करने में मदद मिली. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2021 की तरह TMC ने BJP को ‘बोहिरागोटो (बाहरी लोगों)’ की पार्टी के रूप में पेश किया, जिसने राज्य को केंद्रीय धन के प्रवाह को राज्य में भेजने से रोक दिया था. हालांकि, BJP के पास ममता बनर्जी जैसा मजबूत क्षेत्रीय चेहरा नहीं था, इसलिए यह रणनीति कारगर साबित हुई. TMC की ‘लक्ष्मी भंडार’ योजना का भी असर पड़. वहीं BJP के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक राम मंदिर, CAA और संदेशखली का मुद्दा विफल रहा.

Exit mobile version