Farmer Protest: हरियाणा पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर एनएसए लगाने की खबरों का खंडन किया है. कुछ मीडिया रिपोर्टस में दावा किया गया था कि पंजाब और हरियाणा की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं के ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी. हरियाणा पुलिस की ओर से शुक्रवार को कहा गया है कि उनके खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई नहीं की जाएगी.
अंबाला रेंज के आईजी सिबास कवीराज ने कहा है कि अंबाला में कुछ किसान नेताओं के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई करने पर पुनर्विचार किया जा रहा है. यह निर्णय लिया गया है कि इसे लागू नहीं किया जाएगा. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए हरियाणा पुलिस के ओर से कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने में वो हमारी मदद करें. किसान अपना प्रदर्शन शांति पूर्वक और सहयोग के साथ करें.
इसके पहले अंबाली पुलिस के ओर से सोशल मीडिया के एक्स पर पोस्ट कर आधिकारिक बयान में लिखा गया, ‘किसान आन्दोलन के दौरान हुई सरकारी सम्पति के नुकसान की भरपाई आन्दोलनकारियो की सम्पति की कुर्की और बैंक खातो को सीज करने की कार्यवाही शुरू हो गई है. इस दौरान कुछ किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया है.’
13 फरवरी को प्रदर्शन से जुड़ा है मामला
दरअसल, ये पूरी कार्रवाई 13 फरवरी को किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी है. इस प्रदर्शन के दौरान आरोप है कि किसानों ने शंभू बॉर्डर पर ‘दिल्ली कूच’ के समय बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की थी. आरोप है कि किसानों द्वारा पुलिस-प्रशासन पर पत्थर बाजी और हुडदंग बाजी करके कानून व्यवस्था बिगाड़ने की हर दिन कोशिश करते थे.
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पुलिस द्वारा गई जानकारी में कहा गया है कि उपद्रवीयों द्वारा सरकारी और प्राइवेट संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया जा चुका है. आंदोलनकारियों द्वारा सरकारी और प्राइवेट संपत्ति को किए गए नुकसान का आकलन किया जा रहा है. इस आंदोलन के दौरान अगर किसी आम आदमी की संपत्ति का नुकसान हुआ है तो उसका व्योरा प्रसाशन को दे सकता है.