Farmers Protest: चंडीगढ में बीती रात किसानों और केंद्रिय मंत्री के बीच साढ़े पांच घंटो तक बैठक चली. लेकिन इस बैठक के बाद भी एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोई आपसी सहमति नहीं बन पाई. अब इसके बाद किसानों ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू कर दिया है. किसानों के आंदोलन को मद्देनजर रखते हुए दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के बार्डर को सील कर दिया गया है.
वहीं इन बॉर्डर्स पर भारी जमा की स्थिति बनी हुई है. सुरक्षा के व्यवस्था को लेकर बैरिकेडिंग की गई है. प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पर आंसू गैस ड्रोन का इस्तेमाल किया है. लेकिन इसके बावजूद भी किसान चिल्ला बॉर्डर, शंभू बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, अंबाला हाईवे और अन्य बॉर्डर इलाकों में भारी जाम लगा हुआ है. किसान ट्रेक्टर और गाड़ियां लेकर वहां पहुंच गए है.
#WATCH नोएडा: किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च की वजह से DND क्षेत्र में भारी ट्रैफिक जाम देखा गया। pic.twitter.com/Rierdxw7cK
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 13, 2024
किसानों पर छोड़े जा रहे आंसू गैस के गोले
किसानों का दावा है कि वो अपने साथ छह महीने खाने का राशन लेकर दिल्ली के ओर कूच कर रहे हैं. दूसरी ओर प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस को गोले छोड़े हैं. मार्च की वजह से DND क्षेत्र में भारी ट्रैफिक जाम देखा गया था. किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए बॉर्डर वाले इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है. वहीं हरियाणा के 7 और राजस्थान के तीन जिलों में इंटरनेट बंद कर दी गई है.
#WATCH अंबाला, हरियाणा: विरोध मार्च निकाल रहे किसानों ने अंबाला हाईवे को पार किया।
किसान संगठनों द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर आज ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च का आह्वान किया गया है। pic.twitter.com/Ql6lunNQgj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 13, 2024
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किसान मजदूर मोर्चा के अध्यक्ष का ये कहना है कि सरकार किसानों की मदद करना नहीं चाहती है. किसान लगातार एमएसपी को लेकर खरीद की गारंटी के लिए कानून बनाने की मांग पर अड़े हुए हैं. उनकी मांग है कि किसान और मजदूरों के कर्ज को माफ कर उन्हें पेंशन दिया जाए, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 लागू करने और लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दिलाने की डिमांड उनके ओर से की जा रही है.
संगठनों की मांग है कि मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए. पूर्व में हुए किसान आंदोलन में मृत परिवारों के किसानों को मुआवजे के साथ-साथ सरकारी नौकरी दी जाए. मनरेगा में साल में 200 दिन काम करने पर 700 रुपए की दिहाड़ी देने की मांग रखी जाए.