Lok Sabha Election 2024: गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से भाजपा के मुकेश दलाल के निर्विरोध चुने जाने के कुछ दिनों बाद, गुजरात हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक मतदाता द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसने दलाल को विजयी उम्मीदवार घोषित करने को चुनौती दी थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल ने कहा कि याचिकाकर्ता जिस आधार पर परिणाम को चुनौती दे रहा है, वह चुनाव याचिका के दायरे में आएगा, न कि जनहित याचिका के दायरे में आएगा.
मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहा, कानून यह है कि यदि आप किसी भी कारण से किसी भी उम्मीदवार के चुनाव के संबंध में कोई विवाद कर रहे हैं, तो आपको चुनाव याचिका दायर करनी होगी. आप उस प्रक्रिया में एक दोष को उजागर कर रहे हैं जिसके द्वारा किसी को विजयी उम्मीदवार घोषित किया गया है. इसलिए, यह तर्क एक चुनाव याचिका के अधिकार क्षेत्र में आता है. जब कोई वैधानिक उपाय है, तो जनहित याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता है.
“निर्विरोध चुने गए उम्मीदवार के लिए अलग मानदंड नहीं”
मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि निर्विरोध चुने गए उम्मीदवार के लिए कोई अलग मानदंड नहीं है, उन्होंने कहा, मतदान और वोटों की गिनती की प्रक्रिया के बाद चुनाव जीतने वाले व्यक्ति के समान ही स्थिति होगी. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में किसी व्यक्ति के साथ अलग व्यवहार करने का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए इसे जनहित याचिका का मुद्दा न बनाएं. हमारे हिसाब से कोई जल्दी नहीं है. आपने गलत मंच से संपर्क किया है.”
सूरत के एक मतदाता ने दायर किया था याचिका
आपको बता दें कि यह मुकदमा सूरत निर्वाचन क्षेत्र के एक मतदाता भावेशभाई पटेल द्वारा दायर किया गया था. पटेल की ओर से पेश होते हुए उनके वकील ने इस बात पर प्रकाश डाला कि “इस मामले में नकारात्मक मतदान का विकल्प प्रदान नहीं किया जा रहा है.” सूरत गुजरात के 26 लोकसभा क्षेत्रों में से एक है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह दोनों का गृह राज्य है. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां की सभी 26 सीटों पर जीत हासिल की थी. बता दें कि गुजरात के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में 7 मई को मतदान होना है, जो सात चरण के चुनावों में से तीसरा है। हालांकि, अब 25 सीटों पर मतदान होगा.