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Budget Session: प्राइवेट सेक्टर पर फोकस, रोजगार को लेकर आंकड़े, आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने दिया GDP का ब्यौरा

Budget Session

निर्मला सीतारमण ( वित्त मंत्री )

Parliament Budget Session: केंद्र सरकार मंगलवार, (23 जुलाई) को बजट 2024-25 पेश करेगी. इससे पहले नरेंद्र मोदी सरकार ने देश का आर्थिक सर्वेक्षण संसद के पटल पर पेश कर दिया है. आर्थिक सर्वे 2023-24 लोकसभा में दोपहर 12:10 बजे पेश हुआ. लोकसभा में पेश हुए इस इकोनॉमिक सर्वे में सरकार का पूरा फोकस प्राइवेट सेक्टर और PPP पर रहा है. Modi 3.0 द्वारा पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण FY25 में भारत की जीडीपी को लेकर जिक्र किया गया. इसमें कहा गया कि देश की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.5 से 7 फीसदी तक है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार की ओर से जहां देश की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान जाहिर किया गया, तो वहीं इस आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने एक बड़ी चुनौती का भी जिक्र किया है. सरकार का कहना है कि ग्लोबल चुनौतियां की वजह से एक्सपोर्ट के मोर्चे पर देश को थोड़ा झटका लग सकता है, लेकिन सरकार इसको लेकर भी पूरी तरह से सतर्क है. इसमें कहा गया है कि ग्लोबल बिजनेस में चुनौतियां पेश आने की आशंका है. दरअसल, ग्लोबल अनिश्चितता से कैपिटल फ्लो पर असर देखने को मिल सकता है.

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रोजगार के आकंड़े भी हुए पेश

देश की इकोनॉमी की हेल्थ की पूरी तस्वीर पेश करने वाले इस आर्थिक सर्वेक्षण में रोजगार को लेकर डाटा पेश किया गया है. इसमें कहा गया है कि जनसंख्या अनुपात में ग्रोथ के साथ कोरोना महामारी के बाद से देश की सालाना बेरोजगारी दर में गिरावट दर्ज की जा रही है. मार्च 2024 में 15+ आयु वर्ग के लिए शहरी बेरोजगारी दर पिछले वर्ष के 6.8 प्रतिशत से घटकर 6.7 प्रतिशत पर आ गई है. इसमें कहा गया है कि भारत की कुल वर्कफोर्स में से करीब 57 फीसदी स्वरोजगार कर रही है. युवा बेरोजगारी दर 2017-18 में 17.8 प्रतिशत से गिरकर 2022-23 में 10 प्रतिशत पर आ गई है.

राज्यों की क्षमता बढ़ाने पर सरकार की फोकस

सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय पर जोर दिए जाने और प्राइवेट इन्वेस्टमेंट में लगातार आ रही तेजी के कारण Gross Foxed Capital Formation को बढ़ावा मिला है. इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक, 2023-24 में इसमें 9 फीसदी की जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई है. आर्थिक सर्वेक्षण में एक राहत भरी उम्मीद देख के वित्तीय घाटे को लेकर भी जताई गई है. इसमें अनुमान जताते हुए कहा गया है कि FY26 तक भारत का वित्तीय घाटा घटकर 4.5 फीसदी पर आने की संभावना है. इसमें कहा गया है कि सरकार का पूरा फोकस राज्यों की क्षमता बढ़ाने पर है.

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