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पाकिस्तान जाएंगे विदेश मंत्री एस जयशंकर, SCO शिखर सम्मेलन में करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व

S Jaishankar

एस जयशंकर, विदेश मंत्री

S Jaishankar Pakistan Visit: भारत और पाकिस्तान के बीच बीते लंबे समय से तनाव की स्थिति है. दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध करीब न के बराबर हैं. हालांकि, इस बीच बड़ी खबर सामने आई कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान की यात्रा पर जाने वाले हैं. दरअसल, जयशंकर पाकिस्तान में इस साल होने वाले SCO यानी शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान की यात्रा करेंगे.

दरअसल, SCO की शिखर वार्ता का आयोजन इस साल अक्तूबर महीने में ही पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक होने जा रही है. 15-16 अक्टूबर को होने वाले इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए विभिन्न देशों को न्योता भेजा गया था. इसलिए एस जयशंकर पाकिस्तान की यात्रा करेंगे.

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पाकिस्तान ने पीएम मोदी को भेजा था न्योता

दरअसल, बीते अगस्त महीने के आखिर में पाकिस्तान ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को SCO की बैठक में भाग लेने के लिए न्योता भेजा था. पाकिस्तानी प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने बताया था कि सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी निमंत्रण भेजा गया है. हालांकि, तब ये खुलासा नहीं हुआ था कि भारत की ओर से इस बैठक में कौन भाग लेगा. अब ये साफ हो गया है कि पीएम मोदी SCO की बैठक में भाग नहीं लेंगे. उनकी जगह पर विदेश मंत्री एस जयशंकर बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.

क्या है शंघाई सहयोग संगठन का महत्व?

शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन से पहले मंत्रिस्तरीय वार्ता और वरिष्ठ अधिकारियों की कई दौर की बैठकें होंगी. इसमें सदस्य देशों के बीच वित्तीय, आर्थिक, सामाजिक-सांस्कृतिक और मानवीय सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. आपको बता दें कि SCO भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान का एक प्रभावशाली आर्थिक व सुरक्षा समूह है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान पर निशाना

हाल ही में 28 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने सीमा पार आतंकवाद पर पड़ोसी देश को खरी-खोटी सुनाने के करीब एक महीने बाद अब पाकिस्तान के दौरे पर जा रहे हैं. यूएन जेनरल एसेंबली में बोलते हुए जयशंकर ने कहा था, “कई देश अपने नियंत्रण से परे परिस्थितियों के कारण पीछे रह जाते हैं, लेकिन कुछ विनाशकारी परिणामों के साथ सचेत विकल्प चुनते हैं. एक प्रमुख उदाहरण हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान है,’.

“जब यह राजनीति अपने लोगों में ऐसी कट्टरता पैदा करती है, तो इसकी जीडीपी को केवल कट्टरपंथ और आतंकवाद के रूप में इसके निर्यात के संदर्भ में मापा जा सकता है. आज हम देखते हैं कि वह जो बुराइयां दूसरों पर थोपना चाहता है, वे उसके ही समाज को निगल रही हैं. यह दुनिया को दोष नहीं दे सकता. जयशंकर ने एक कड़े बयान में कहा, ”यह केवल कर्म है.”

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