Vasundhara Raje: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान दर्द छलक उठा. उन्होंने कहा कि राजनीति में हर वक्त एक जैसा नहीं होते. हर किसी को उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ता है. दरअसल, शनिवार को राजस्थान बीजेपी के नए प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ का पदभार ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी कार्यक्रम में शामिल हुईं. उन्होंने मदन राठौड़ को बधाई दी.
कार्यक्रम में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए वसुंधरा राजे ने कहा कि राजनीति में हर वक्त एक जैसा नहीं होता. हर किसी को उतार चढ़ाव से गुजरना पड़ता है. राजनीति में तीन महत्वपूर्ण चीजे हैं. वो हैं पद, मद और कद. पद और मद हमेशा नहीं रहते, पर अगर नेता कार्यकर्ताओं के बीच रहे तो उसका कद रहता है. राजनीति की राह आसान नहीं है. इसमें कई बार झटका भी लगता है पर हमें पार्टी में रहकर उसके लिए काम करना है.
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राठौड़ की राह आसान नहीं- वसुंधरा
राजस्थान बीजेपी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ को बधाई देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राठौड़ की राह आसान नहीं है. इन लोगों (पार्टी कार्यकर्ता) को संभालना आसान नहीं है. हमारा नारा है, ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’. इसको पूरा करने में कई लोग पूर्व में विफल हुए हैं. बता दें कि पिछले हुए राजस्थान विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करने के बाद बीजेपी ने वसुंधरा राजे को झटका देते हुए सांगानेर से पहली बार विधायक बने भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बना दिया.
वसुंधरा राजे को झटके पर झटका
विधानसभा चुनाव को लेकर शुरू से ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को झटके पर झटके मिलते जा रहे थे. बीजेपी ने इस चुनाव से पहले ही उनको साइड लाइन करते हुए मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बनाया था. इसके अलावा उनके समर्थकों के टिकट भी काटे गए, जिससे सियासत में काफी हलचल मची. अब उनके द्वारा दिया गया ताजा बयान इसी से जोड़कर भी देखा जा रहा है.
मदन राठौड को बड़ी जिम्मेदारी
आगामी 5 सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी ने मदन राठौड को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. सियासी जानकारों का मानना है कि उनके जरिए बीजेपी अपना ओबीसी वोट बैंक मजबूत करने की कोशिश कर रही है. ओबीसी की जाति घांची समुदाय से ताल्लुक मदन राठौड़ को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर बीजेपी ने जातीय समीकरण साधे हैं और उस ओबीसी वोट बैंक मजबूत करने की कोशिश की है जो राज्य में जीत-हार में निर्णायक भूमिका निभाता है.