Leader of Opposition: संसदीय एकता के प्रतीकात्मक संकेत देते हुए पीएम मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक दूसरे से हाथ मिलाया. विपक्ष के नेता की भूमिका संभालने के लिए तैयार राहुल गांधी इस महत्वपूर्ण पद पर गांधी परिवार की विरासत को जारी रखेंगे. उनकी मां सोनिया गांधी ने 1999 से 2004 तक इस पद पर कार्य किया और उनके पिता राजीव गांधी ने 1989 से 1990 तक विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया है.
इन अधिकारियों की नियुक्ति में राहुल गांधी की होगी भूमिका
विपक्ष के नेता की भूमिका भारत के संसदीय लोकतंत्र में महत्वपूर्ण बन गई है. इस पद पर कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां होती हैं, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC), केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (CVC) जैसे प्रमुख अधिकारियों की नियुक्ति और CBI, NHRC और लोकायुक्त जैसे महत्वपूर्ण आयोगों के सदस्यों की नियुक्ति शामिल है. राहुल गांधी अब विपक्ष के नेता के रूप में पीएम मोदी के साथ एक ही टेबल पर बैठ कर इन अधिकारियों की नियुक्ति करेंगे.
विपक्ष के नेता के पास क्या अधिकार होते हैं?
बता दें कि विपक्ष के नेता का कैबिनेट मंत्री के बराबर रैंक होता है. सरकारी सुसज्जित बंगला – सचिवालय में दफ्तर – उच्च स्तरीय सुरक्षा – मुफ्त हवाई यात्रा , मुफ्त रेल यात्रा – सरकारी गाड़ी या वाहन भत्ता – 3.30 लाख रुपए मासिक वेतन-भत्ते – प्रति माह सत्कार भत्ता – देश के भीतर प्रत्येक वर्ष के दौरान 48 से ज्यादा यात्रा का भत्ता, टेलीफोन, सचिवीय सहायता और चिकित्सा सुविधाएं आदि दी जाती है.
राहुल गांधी विपक्ष के नेता के रूप में सरकार की कमेटियों के भी हिस्सा होंगे. इतना ही नहीं राहुल गांधी मोदी सरकार के आर्थिक फैसलों की लगातार समीक्षा कर पाएंगे और सरकार के फैसलों पर टिप्पणी भी कर सकेंगे. वे ‘लोक लेखा’ कमेटी के भी प्रमुख बन जाएंगे, जो सरकार के सारे खर्चों की जांच करती है और उनकी समीक्षा करने के बाद टिप्पणी भी करती है.राहुल गांधी संसद की मुख्य कमेटियों में भी बतौर नेता प्रतिपक्ष के रूप में शामिल हो सकेंगे. और उनके पास ये अधिकार होगा कि वो सरकार के कामकाज की लगातार समीक्षा करते रहेंगे.
एक बार फिर लोकसभा अध्यक्ष बने ओम बिड़ला
बताते चलें कि ओम बिड़ला को एक बार फिर से लोकसभा स्पीकर पद पर चुनाव हुआ है. विपक्ष ने इस पद के लिए के सुरेश को उतारा था. हालांकि, ध्वनि मत से ओम बिरला का चयन एक बार फिर से लोकसभा अध्यक्ष के रूप में कर लिया गया है. इसके बाद पीएम मोदी ने कहा, “मैं आपको इस कुर्सी पर फिर से चुने जाने पर बधाई देता हूं.” उन्होंने बिरला के मिलनसार व्यवहार की सराहना की, जिसके बारे में उनका मानना है कि इससे सदन में सकारात्मक माहौल बनेगा. राहुल गांधी ने संसद में लोगों की अंतिम आवाज़ के रूप में बिरला की भूमिका पर ज़ोर देते हुए कहा, “पूरे विपक्ष और भारत गठबंधन की ओर से बधाई.”