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GST Council: 22 जून को नई दिल्ली में जीएसटी काउंसिल की बैठक, पेट्रोल-डीजल पर हो सकता है बड़ा फैसला

GST Council Meeting

प्रतीकात्मक तस्वीर

GST Council Meeting: 22 जून को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की बैठक होने जा रही है. लोकसभा चुनाव 2024 के बाद और पिछले साल 7 अक्टूबर के बाद यह काउंसिल की पहली बैठक होगी. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा एक पोस्ट में जीएसटी काउंसिल ने जानकारी दी है कि ”जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक 22 जून, 2024 को नई दिल्ली में होगी.

नियम के अनुसार काउंसिल को हर तीन महीने में एक बार बैठक करनी चाहिए. हालांकि, संसदीय चुनाव और कुछ राज्य विधानसभा चुनावों के कारण बैठक नहीं हो सकी. हालांकि, बैठक का एजेंडा अभी तैयार नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि बैठक में मुद्दों की एक लंबी सूची होगी. इस बैठक में ऑनलाइन गेमिंग से लेकर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी दायरे में शामिल करने को लेकर फैसला आ सकता है.

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क्या जीएसटी के दायरे में आएंगे पेट्रोल-डीजल?

बजट से पहले GST से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा होगी. इसके अलावा कारोबारियों के लिए कंप्लायंस आसान बनाने पर जोर रहेगा. इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर की दिक्कतों को दूर करने पर फैसला संभव है. इसके अलावा, उम्‍मीद की जा रही है कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में शामिल किया जा सकता है, क्‍योंकि लोकसभा चुनाव के रिजल्‍ट आने से पहले ऐसी खबर आई थी कि मोदी सरकार बनती है तो पेट्रोल-डीजल को जीएसटी दायरे में शामिल किए जाने का काम, नई सरकार के 100 दिन के एजेंडे के तहत आ सकता है.

ऑनलाइन गेमिंग पर होगी नजर

देखने लायक प्रमुख मुद्दों में से एक पिछले साल तय किए गए ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ पर 28 प्रतिशत जीएसटी की समीक्षा होगी. पिछले साल 11 जुलाई को हुई अपनी बैठक में परिषद ने सिफारिश की थी कि कैसीनो, घुड़दौड़ और ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत की जीएसटी दर लगाई जाएगी. किसी भी अस्पष्टता को दूर करने के लिए कानून में संशोधन करने की सिफारिश की गई थी. कुछ राज्यों के विरोध के बावजूद अगली बैठक में पहले की सिफारिश को जारी रखने का निर्णय लिया गया.

कानून में किया गया संशोधन

बाद में कानून में संशोधन किया गया और फिर कारण बताओ नोटिस जारी करने में तेजी आई. हालांकि सरकार ने कहा कि कानून में संशोधन स्पष्ट प्रकृति के हैं और उन्होंने हमेशा कहा है कि 28 प्रतिशत की दर 1 जुलाई, 2017 से लागू है, ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने आरोप लगाया कि कानून में संशोधन पूर्वव्यापी है और तदनुसार, कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं.

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