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हर बार चुनाव से पहले राम रहीम को कैसे मिल जाती है पैरोल? सियासी गलियारों में उठने लगे सवाल

Gurmeet Ram Rahim Parole

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम

Gurmeet Ram Rahim Parole: दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जिसमें डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) को 30 दिनों की पैरोल दी गई है. इस बार राम रहीम को बागपत के बजाय सिरसा स्थित अपने डेरा आश्रम में जाने की अनुमति दी गई है. रोहतक की सुनारिया जेल से उसे मंगलवार तड़के 5:26 बजे बाहर निकाला गया. इस खबर को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है, क्योंकि इसे हरियाणा और दिल्ली में हो रहे चुनावों के संदर्भ में अहम माना जा रहा है.

चुनावों से राम रहीम का कनेक्शन

राम रहीम की जमानत को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, खासकर इस समय जब हरियाणा में निकाय चुनाव और दिल्ली विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. पहले भी, अक्टूबर 2024 में हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान उसे 20 दिन की पैरोल मिली थी. ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक यह मान रहे हैं कि राम रहीम की पैरोल का कनेक्शन चुनावी राजनीति से हो सकता है, खासकर उसकी विशाल अनुयायी संख्या के मद्देनजर.

राम रहीम के सजा और पैरोल की लंबी कहानी

राम रहीम को 2017 में बलात्कार और हत्या के मामलों में दोषी ठहराया गया था और तब से वह जेल में सजा काट रहा है. अब तक उसे 12 बार पैरोल और फरलो मिल चुकी है. 2017 में सजा के बाद से उसकी पैरोल का सिलसिला जारी है – अक्टूबर 2020 में 1 दिन, मई 2021 में 1 दिन, और कई बार उसे 20 से 40 दिन तक की पैरोल भी मिली. जनवरी 2025 में मिली पैरोल उसकी 12वीं बार बाहर आने का मौका है.

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राम रहीम का सिरसा डेरा

राम रहीम सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख है. महिला अनुयायियों से बलात्कार के मामले में राम रहीम 20 साल की सजा काट रहा है. इसके अलावा, डेरा के दो पूर्व प्रबंधकों की हत्या के आरोप में भी उसे उम्रकैद की सजा हुई है. हालांकि, पैरोल के दौरान उसे सिरसा डेरे में जाने की अनुमति नहीं थी, लेकिन इस बार उसे अपने आश्रम में रहने की छूट मिल गई है.

क्या इस बार स्थिति अलग होगी?

दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान राम रहीम की पैरोल मिलने को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. क्या यह राजनीति के भीतर एक रणनीति का हिस्सा है, या फिर यह सिर्फ एक सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है? इस पर अभी स्पष्टता नहीं है, लेकिन चुनावों से ठीक पहले राम रहीम की पैरोल मिलने से इसे एक अहम घटनाक्रम माना जा रहा है.

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