Haryana Election Result: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों ने सबको हैरान कर दिया. तमाम एग्जिट पोल और राजनीतिक विश्लेषणों के उलट, बीजेपी लगातार तीसरी बार राज्य में सरकार बना ली है. जहां ज्यादातर एग्जिट पोल कांग्रेस की बड़ी जीत की भविष्यवाणी कर रहे थे, वहीं बीजेपी ने एक बार फिर अपना दमखम दिखाते हुए बहुमत पा ली है. इस जीत के पीछे सिर्फ बीजेपी की रणनीति ही नहीं, बल्कि अमित शाह का एक पुराना लेकिन कारगर फॉर्मूला है, जिसने हरियाणा में पार्टी को एक बार फिर सत्ता में वापसी कराई है.
सत्ता विरोधी लहर और बीजेपी की रणनीति
पिछले 10 साल से हरियाणा में सत्ता में रहते हुए, बीजेपी के सामने सत्ता विरोधी लहर (एंटी-इंकम्बेंसी) जैसी गंभीर चुनौतियां थीं. आम जनता में कई मुद्दों को लेकर नाराजगी थी, जिनमें बेरोजगारी, कृषि संकट और प्रशासनिक नीतियों को लेकर असंतोष शामिल थे. इन सभी कारणों से पार्टी को संभावित नुकसान होता दिखाई दे रहा था. परंतु, बीजेपी ने चुनाव से लगभग 7 महीने पहले ऐसा मास्टरस्ट्रोक खेला, जिसने कांग्रेस को करारी शिकस्त दी.
खट्टर को हटाने का साहसिक कदम
बीजेपी ने चुनाव से ठीक 7 महीने पहले एक अप्रत्याशित निर्णय लिया और तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पद से हटा दिया. 2019 के चुनाव में खट्टर के नेतृत्व में बीजेपी ने बहुमत तो नहीं पाया था, लेकिन जेजेपी के समर्थन से सरकार बनाने में सफल रही थी. हालांकि, इस बार 2024 में बीजेपी कोई जोखिम नहीं लेना चाहती थी, इसलिए खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई. सैनी, हरियाणा में नया चेहरा बनकर जनता के सामने आए और बीजेपी ने उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव लड़ा.
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नायब सिंह सैनी पर जनता का भरोसा
चुनाव नतीजों से स्पष्ट होता है कि बीजेपी का नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर चुनाव में उतारने का फैसला एक मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ. जहां कांग्रेस को उम्मीद थी कि सत्ता विरोधी लहर और खट्टर सरकार की कमज़ोरियों का फायदा उठाकर वह राज्य में वापसी करेगी, वहीं बीजेपी ने सैनी को नया चेहरा बनाकर जनता के बीच एक सकारात्मक संदेश दिया. इस कदम से बीजेपी को न केवल सत्ता विरोधी लहर से निपटने में मदद मिली, बल्कि जनता के बीच सैनी की स्वच्छ और ईमानदार छवि ने पार्टी को पूर्ण बहुमत की ओर ले जाने में अहम भूमिका निभाई.
चार राज्यों में सफल अमित शाह का फॉर्मूला
बीजेपी का चुनाव से कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री बदलने और नए चेहरे को सामने लाने का यह फॉर्मूला कोई नया नहीं है. इससे पहले भी पार्टी इस रणनीति को कई राज्यों में अपना चुकी है और वहां भी उसे सफलता मिली. उत्तराखंड, त्रिपुरा और गुजरात जैसे राज्यों में भी बीजेपी ने चुनाव से पहले मुख्यमंत्री बदलकर जनता के बीच नए चेहरे के साथ उतरी थी. इन सभी राज्यों में यह फॉर्मूला सफल साबित हुआ, और हरियाणा में भी यह रणनीति कारगर रही.
बीजेपी की तीसरी बार सत्ता में वापसी
हरियाणा में बीजेपी की इस ऐतिहासिक जीत ने यह साफ कर दिया कि पार्टी की रणनीतिक समझ और अमित शाह के मास्टरस्ट्रोक ने एक बार फिर से राजनीतिक समीकरणों को पलट दिया है. जहां कांग्रेस को अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करना पड़ेगा, वहीं बीजेपी आगे के चुनावों के लिए और भी आत्मविश्वास के साथ तैयार करेगी.