Haryana Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. भाजपा ने सिरसा से अपने प्रत्याशी का नामांकन वापस करवा लिया, जबकि प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ोली के पास इसकी जानकारी ही नहीं हैं. उन्हें नहीं पता है कि भाजपा ने सिरसा में क्यों सरेंडर किया है. फिलहाल, उन्होंने इस मामले में भाजपा प्रत्याशी रहे रोहताश जांगड़ा को तलब किया है.
दरअसल, हरियाणा के रोहतक में मंगलवार को मोहन लाल बड़ोली थे. इस दौरान जब उनसे सिरसा में भाजपा प्रत्याशी के नामांकन वापस लेने पर सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि रोहताश जांगड़ा से पूछा जाएगा कि उन्होंने नामांकन वापस क्यों लिया. बड़ोली ने बताया कि जांगड़ा को बुलाया गया है. हालांकि, इस मामले में ज्यादा बोलने से इंकार कर दिया. वहीं, गोपाल कांडा से गठबंधन को लेकर बड़ोली ने कहा कि हिलोपा से भाजपा का गठबंधन नहीं है.
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चुनाव से पहले BJP और HLP का गठबंधन
दरअसल, हरियाणा में सिरसा से विधायक गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी से भाजपा का चुनाव से पहले गठबंधन था. इस दौरान दोनों पार्टियों के बीच खींचतान चलती रही. भाजपा जहां कांडा से गठबंधन की बात कहती रही. वहीं, अंत समय में भाजपा ने सिरसा से अपना प्रत्याशी उतार दिया और रोहताश जांगड़ा को यहां से टिकट दिया. इस दौरान गोपाल कांडा ने इनेलो और बसपा से गठबंधन कर लिया.
हालांकि, भाजपा प्रत्याशी रोहताश जांगड़ा ने 16 सितंबर को अपना नामांकन वापस ले लिया और ऐसे में भाजपा का इस सीट पर अब कोई प्रत्याशी नहीं है. उधर, गोपाल कांडा ने भाजपा प्रत्याशी के नामांकन वापस लेने पर कहा था कि उनकी इस बारे में भाजपा से कोई बात नहीं हुई है. उधऱ, रोहताश जांगड़ा ने नामांकन वापस लेने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा था कि सगंठन के कहने पर ही उन्होंने अपना नामांकन वापस लिया था.
सिरसा में कैसे फंसी भाजपा?
गौरतलब है कि सिरसा के सियासी भंवर में भाजपा बुरी तरह उलझकर रह गई है. पहले उसने कहा था कि पार्टी का हिलोपा से गठबंधन है और ऐसे में चर्चा थी यहां पर गोपाल कांडा ही सयुंक्त प्रत्याशी होंगे, लेकिन बाद में भाजपा ने यहां से प्रत्याशी उतारा और फिर अंत समय में उसका नामांकन वापस ले लिया. ऐसे में भाजपा यहां पर पूरी तरह से उलझकर रह गई है. पार्टी और संगठन यहां पर अलग अलग लाइन पर चल रहे हैं.