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Haryana: राव इंद्रजीत की प्रेशर पॉलिटिक्स, BJP से समर्थकों के लिए कर डाली बड़ी डिमांड, अहीरवाल में बढ़ी सियासी गरमी

राव इंद्रजीत सिंह

राव इंद्रजीत सिंह

Haryana Elections: केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा है कि राजनीतिक दलों ने परिसीमन के जरिए अहीरवाल क्षेत्र की राजनीतिक ताकत को कम करने की साजिश रची थी, लेकिन स्थानीय निवासियों ने न केवल साजिश को नाकाम किया, बल्कि इसे राजनीतिक ताकत हासिल करने के अवसर में बदल दिया. राव इंद्रजीत सिंह का यह बयान हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी की टेंशन बढ़ाने वाली है.

दरअसल, अगले कुछ दिनों में हरियाणा विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान होने वाला है. इससे पहले गुरुग्राम से भाजपा सांसद राव इंद्रजीत ने कहा है कि हरियाणा के सत्ता का रास्ता अहीरवाल होकर ही गुजरता है. कहा जा रहा है कि अहीरवाल में बीजेपी के भीतर टिकट की लड़ाई अभी से शुरू हो गई है. दरअसल, राव इंद्रजीत अहीरवाल क्षेत्र में अपने समर्थकों को टिकट दिलाने की कोशिश में हैं. उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व तक अपनी बात पहुंचा दी है.

7 सीटों की मांग कर रहे हैं राव

हरियाणा की राजनीति को बड़े ही करीब से जानने वाले लोगों की मानें तो राव इंद्रजीत सिंह चाहते हैं कि महेंद्रगढ़ जिले में पड़ने वाली अटेली और नारनौल, रेवाड़ी जिले की बावल, कोसली, रेवाड़ी और गुरुग्राम में बादशाहपुर और पटौदी विधानसभा सीट पर उनके समर्थकों को बीजेपी टिकट दे. उनकी बेटी आरती भी चुनाव लड़ने का मन बना रही हैं. लेकिन अहीरवाल के इलाके में राव इंद्रजीत सिंह का विरोधी खेमा भी काफी ताकतवर है.

गौरतलब है कि पिछले दिनों राव इंद्रजीत केंद्रीय मंत्री नहीं बनाए जाने को लेकर अपनी पीड़ा खुलकर जता चुके हैं. राव ने कहा था कि उनसे छोटे और पहली बार जीतकर आए लोगों को भी कैबिनेट में शामिल कर लिया गया है. अब बीजेपी के सामने सबसे बड़ी समस्या ये है कि अहिरवाल क्षेत्र में राव को नजरअंदाज करके टिकटों का बंटवारा कैसे किया जाए, वो भी तब जब लोकसभा में पार्टी का परफॉर्मेंस शानदार न रहा हो.

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क्षेत्र के हित राव के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता: आरती

वहीं राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती सिंह ने कहा है कि उनके पिता ने हमेशा अहीरवाल क्षेत्र के अधिकारों के लिए लड़ने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है. उन्होंने कहा, “इसके लिए उन्हें कई बार राजनीतिक नुकसान भी उठाना पड़ा और उन्हें अपमानित करने की कोशिश भी की गई, लेकिन उन्होंने क्षेत्र के लोगों के मुद्दों को उठाना जारी रखा.” वहीं राव ने भी रेवाड़ी में कहा था कि उन्होंने क्षेत्र और लोगों के हितों की रक्षा के लिए लगातार सरकारों से लड़ाई लड़ी है.

राव ने कहा था, “मैं मुख्यमंत्रियों से लड़ता हूं, क्योंकि मैं अपने क्षेत्र के साथ भेदभाव बर्दाश्त नहीं कर सकता. हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ना पड़ता है, लेकिन ऐसी लड़ाई की भावना वाले राजनेताओं की कमी है. इसलिए मैं राजनीति में ऐसे युवाओं को लाना चाहता हूं, जो लोगों के अधिकारों और हितों की रक्षा कर सकें.” पंचायती राज अधिनियम में 72वें और 73वें संशोधन की वकालत करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अधिकारियों की एसीआर लिखने का अधिकार सरपंचों और ब्लॉक विकास समितियों और जिला परिषदों के अध्यक्षों को दिया जाना चाहिए.”

गुरुग्राम के सांसद ने कहा कि कई लोगों ने उनका लोकसभा टिकट रद्द करवाने की कोशिश की थी, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें टिकट दिया और जनता ने उन्हें चुनाव जीतने में मदद की. दक्षिण हरियाणा के विकास पर कांग्रेस के दावों का जवाब देते हुए राव ने कहा कि जब केंद्रीय विश्वविद्यालय, सैनिक स्कूल, रक्षा विश्वविद्यालय और जाटूसना में आईटीबीपी केंद्र की स्थापना हुई थी, तब वे इस क्षेत्र से सांसद थे. उन्होंने कहा, “अगर मैंने मुद्दा नहीं उठाया होता, तो केंद्रीय विश्वविद्यालय कहीं और स्थानांतरित हो सकता था.”

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