Haryana News: दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में बढ़ोतरी देखी जाने लगी है. ऐसे में अब हरियाणा की नायब सरकार ने पराली पर रोकथाम को लेकर एक सख्त तरीका अपनाया है. प्रदेश में अब पराली जलाने वालों पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. जारी आदेश के अनुसार प्रदेश सरकार ने दो आदेशों पर मुहर लगाई है.
हरियाणा कृषि विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जो किसान अपने खेतों में पराली जलाते हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और उनके कृषि रिकॉर्ड में रेड एंट्री की जाएगी ताकि वे अगले दो सीजन के दौरान ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से मंडियों में अपनी फसल को नहीं बेच सकेंगे.
दो साल तक मंडी में फसल नहीं बेच सकेंगे किसान
प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश में आगे कहा गया है कि ऐसे किसानों के फार्म रिकॉर्ड में लाल निशान की एंट्री की जाएगी जिससे किसान अगले दो सीजन के दौरान ई-खरीद पोर्टल के जरिए मंडियों में अपनी फसल नहीं बेच सकेंगे और यह एंट्री आवश्यक रूप से जरूरी होगी.
मंत्री अरविंद शर्मा ने क्या कहा?
पराली जलाने पर हरियाणा के मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि मैं प्रदेश के किसानों से कहता हूं कि सरकार ने पराली जलाने की व्यवस्था के लिए कई योजनाएं बनाई हैं. आप उन योजनाओं का लाभ उठाएं. किसान को आर्थिक लाभ भी होगा उनसे लाभ मिलता है, इसलिए पराली जलाने की बजाय उन योजनाओं का लाभ उठाएं। सरकार और किसानों के बीच कोई टकराव नहीं है। सरकार किसानों का सम्मान करती है, उसने हमेशा किसानों के लिए काम किया है.
दिल्ली में प्रदूषण पर सियासत तेज
वहीं, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण को लेकर आम आदमी पार्टी की आलोचना की और कहा कि दिल्ली सरकार हरियाणा को दोष देने में व्यस्त है और वे इसी तरह काम करते हैं. यह दिल्ली 1998 से भी बदतर हो गई है. उन्होंने कहा कि 15 वर्षों तक दिल्ली में सुधार हुआ जब उद्योगों को हटा दिया गया. वाहनों के लिए स्वच्छ ईंधन के रूप में सीएनजी को लाया गया. पेड़ों में 300 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई.
लेकिन उन 15 वर्षों के बाद 10 वर्षों में, सारी प्रगति बर्बाद हो गई. केंद्र सरकार राज्य सरकार को दोषी ठहराती है. फिर उन्होंने पंजाब में सरकार बनाई और फिर उन्होंने इसके लिए हरियाणा को दोषी ठहराया यह कैसे काम करेगा.