Haryana Floor Test: हरियाणा विधानसभा में बुधवार को सत्र शुरू होने के बाद प्लोर टेस्ट के लिए विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया गया है. सीएम नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में यहा प्रस्ताव पेश किया है. वहीं इस प्रस्ताव के पेश होने के बाद जेजेपी ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लेने का ऐलान किया था. लेकिन पार्टी को अब बड़ा झटका लगते नजर आ रहा है.
सीएम नायब सिंह सैनी ने मंगलवार को शपथ ग्रहण से पहले राज्यपाल को 48 विधायकों के समर्थन वाला पत्र दिया था. जिसके बाद संभावना जताई जा रही थी कि वह आसानी से बहुमत हासिल कर लेंगे. वहीं फ्लोर टेस्ट से पहले जेजेपी ने अपने विधायकों को विधानसभा में उपस्थित नहीं रहने के लिए लिए कहा था. लेकिन पार्टी लाइन के बाहर जाकर चार विधायक विधानसभा में पहुंचे हैं.
वहीं मंगलवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक से बीच में उठ कर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व गृह मंत्री अनिल विज चले गए थे. इसके बाद तमाम अटकलें लगाई जा रही थी और कहा जा रहा था कि वह नाराज हैं. लेकिन अब बुधवार को वह विधानसभा पहुंचे हैं. फ्लोर टेस्ट पर हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने कहा, ”मैंने हर परिस्थिति में बीजेपी के लिए काम किया है और अभी भी करूंगा तथा पहले से कई गुना ज्यादा करूंगा.”
क्या है नंबर गेम
गौरतलब है कि 90 विधायकों वाली हरियाणा विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पास करने के लिए बीजेपी सरकार को 46 विधायकों की जरूरत पड़ेगी. पार्टी के पास अभी अपने 41 विधायक हैं और निर्दलीय सात विधायकों का समर्थन भी बीजेपी को प्राप्त है. इस वजह से नायब सिंह सैनी सरकार का फ्लोर टेस्ट में पास होना तय माना जा रहा है.
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बता दें कि राज्य में कांग्रेस के 30 और जेजेपी के 10 विधायकों हैं. लेकिन जेजेपी के चार विधायक पार्टी लाइन से बाहर जाकर विधानसभा पहुंचे हैं. सूत्रों की मानें तो यह सभी विधायक बीजेपी सरकार के पक्ष में वोट करेंगे.