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Haryana Politics: चौटाला की पार्टी में बड़ी टूट के आसार! सैनी सरकार के फ्लोर टेस्ट में पहुंचे JJP के 4 विधायक

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दुष्यंत चौटाला को लग सकता है बड़ा झटका

Haryana Politics: चुनावी साल में दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जननायक जनता पार्टी (JJP) को बड़ा झटका लग सकता है. जेजेपी को पहले भाजपा ने गठबंधन तोड़कर सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया. वहीं, अब पार्टी के कई विधायकों ने बागी तेवर अख्तियार कर लिया है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के बहुमत परीक्षण में शामिल होने के लिए जेजेपी के चार विधायक विधानसभा पहुंचे हैं. बता दें कि जेजेपी ने अपने विधायकों को व्हिप जारी कर फ्लोर टेस्ट में गैरहाजिर रहने के लिए कहा था.

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हरियाणा के नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को बुधवार, 13 मार्च को विधानसभा में बहुमत साबित करना है. संख्याबल की बात करें तो 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा में भाजपा के 41 विधायक, कांग्रेस के 30 विधायक, जननायक जनता पार्टी के 10 विधायक, हरियाणा लोकहित पार्टी का एक, आईएनएलडी का एक और सात निर्दलीय विधायक हैं. निर्दलीय विधायकों ने भाजपा को समर्थन का ऐलान किया है. वहीं, जेजेपी के चार विधायकों ने विधानसभा पहुंचकर सियासत को गरमा दिया है. जानकारी के मुताबिक पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली, रामनिवास सुरजाखेड़ा, रामकुमार गौतम, ईश्वर सिंह और जोगीराम सिहाग पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं. वहीं, जोगीराम सिहाग, ईश्वर सिंह, रामकुमार गौतम और देवेंद्र बबली सैनी ने विधानसभा पहुंचर नाराजगी की अटकलों को सही भी ठहरा दिया है.

बता दें कि अगले कुछ महीनों में लोकसभा चुनाव होने हैं. वहीं साल के अंत तक हरियाणा में विधानसभा के चुनाव भी हो जाएंगे. मौजूदा समय में जेजेपी के 10 विधायक हैं. हरियाणा में भाजपा-जेजेपी गठबंधन टूटने के बाद बुधवार को दुष्यंत चौटाला ने दिल्ली में अपने विधायकों की बैठक बुलाई थी. जिसमें इन विधायकों ने अनुपस्थित होकर बड़ा संदेश देने का प्रयास किया है. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो जेजेपी में लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी टूट हो सकती है.

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जानिए CM नायब सिंह सैनी के बारे में

हरियाणा में कल चले सियासी उथल-पुथल के बीच भाजपा ने नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया था. नायब सिंह सैनी का जन्म 25 जनवरी 1970 को अंबाला के एक छोटे से गांव मिज़ापुर माजरा के एक सैनी परिवार में हुआ था. उन्होंने बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बी.आर. अम्बेडकर विश्वविद्यालय और चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से अपनी पढ़ाई की है. भाजपा के भीतर सैनी की यात्रा 1996 में शुरू हुई, जब उन्होंने हरियाणा भाजपा के संगठनात्मक ढांचे के भीतर शुरुआत की. साल 2000 तक उन्होंने राज्य महासचिव के साथ काम किया. इसके बाद 2002 में अंबाला में भाजपा युवा विंग के जिला महासचिव की भूमिका निभाई. इसके बाद 2005 में उन्हें अंबाला में जिला अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया.

साल 2019 लोकसभा चुनाव में नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र निर्वाचन क्षेत्र से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के निर्मल सिंह को 3.83 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया था. बता दें कि नायब सिंह सैनी 2014 में पहली बार विधायक बने और कैबिनेट में के रूप में शामिल किया गया. सैनी को मनोहर लाल खट्टर का विश्वासपात्र माना जाता है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनावी और जातिगत गणनाओं के कारण उन्हें हरियाणा भाजपा प्रमुख बनाया गया. क्योंकि जाहिर तौर पर खट्टर चाहते थे कि उनके खेमे का कोई नेता राज्य इकाई का प्रमुख बने.

 

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