इजरायली हमलों में हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद से ईरान गुस्से में है. अब ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने एक बयान में कहा, वह नसरल्लाह की मौत का इजरायल से बदला लिए बिना शांत नहीं बैठेंगे. इजरायल के इन हमलों से हिज्बुल्लाह और मजबूत होगा और अब हिज्बुल्लाह की ताकत की कोई सीमा नहीं है.
ईरान के विदेश मंत्री हिज्बुल्लाह चीफ की मौत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि निश्चित रूप से नसरल्लाह की मौत एक बड़ी क्षति है, लेकिन इससे प्रतिरोध में कोई बाधा नहीं आएगी और जैसे हिज्बुल्लाह के पूर्व जनरल सेक्रेटरी सैय्यद अब्बास अल मुसावी की मौत की तरह, नसरल्लाह की मौत से हिज्बुल्लाह की ताकत को बढ़ाया है. और आज हिज्बुल्लाह की ताकत की सीमा की कोई तुलना नहीं है.
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“मौत का बदला जरूर लिया जाएगा”
अब्बास अराकची ने ये भी कहा कि उन्होंने जो किया, उससे जायोनी शासन (इजरायल) का निश्चित रूप से इस क्षेत्र में गाजा और फिर लेबनान में कोई भविष्य नहीं होगा और इससे किसी भी तरह से शांति नहीं होगी. उन्होंने जो किया उसका स्वाभाविक परिणाम जायोनी शासन के पतन में तेजी लाएगा. उन्होंने कहा कि हमारी राय में अमेरिका इस गुनाह में हिस्सेदार है और किसी भी तरह से वह खुद को इस वास्तविकता से अलग नहीं कर सकता.
इस घटना में मारे गए लोगों की मौत का बदला जरूर लिया जाएगा और हम निश्चित रूप से लेबनान के साथ खड़े हैं. वहीं, न्यूयॉर्क टाइम्स ने पहले बताया था कि ईरानी नेतृत्व इस बात पर बंटा हुआ है कि इस हमले का जवाब कैसे दिया जाए.
हवाई हमले में हिज्बुल्लाह नेता की मौत
बता दें कि IDF ने लेबनान की राजधानी बेरूत में हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर 27 सितंबर को बंकर बस्टर बम से हवाई हमला किया था, जिसमें ईरान समर्थित आतंकवादी समूह हिज्बुल्लाह के 64 वर्षीय नेता की शुक्रवार को बेरूत में मौत हो गई है. इजरायल और हिज्बुल्लाह दोनों ने ही मौत की पुष्टि की, जिससे इजरायल के साथ सशस्त्र संघर्ष में लगे समूह को बड़ा झटका लगा है.
हाशिम सफीद्दीन बना हिज्जबुल्लाह का नया प्रमुख
वहीं, नसरल्लाह की मौत के बाद हिजबुल्लाह ने अपने नए नेता के नाम का ऐलान कर दिया है. अब हाशिम सफीद्दीन को हिज्बुल्लाह की कमान सौंपी गई है. खास बात ये है कि सफीद्दीन भी हसन नसरुल्लाह की तरह मौलवी है और रिश्ते में उसका चचेरा भाई भी है. जानकारी के अनुसार, 1964 में दक्षिणी लेबनान के डेर कानून एन नहर में जन्मा हाशिम सफ़ीद्दीन एक प्रमुख लेबनानी शिया मौलवी और हिज़्बुल्लाह का वरिष्ठ अधिकारी रहा है.