Hindenburg Research: सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. अब उनके खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च ने नए और गंभीर आरोप लगाए हैं. आरोप है कि SEBI प्रमुख ने Whole-Time Member (WTM) के रूप में कार्यरत रहते हुए अपनी निजी कंसल्टिंग फर्म के जरिए कई लिस्टेड कंपनियों से पेमेंट हासिल किया. बुच की इस कंसल्टिंग फर्म में 99 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. हिंडनबर्ग के मुताबिक, बुच ने कुल 4 बड़ी और लिस्टेड कंपनियों से पेमेंट लिया.
खास बात यह है कि अभी तक बुच की सिंगापुर स्थित कंसल्टिंग फर्म से जुड़े किसी मामले का खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन भारतीय कंसल्टिंग फर्म पर लगे आरोपों ने निवेशकों में बड़ी हलचल मचा दी है.
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सेबी प्रमुख ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया
माधबी पुरी बुच ने इन आरोपों पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है, और पिछले कई हफ्तों से लगातार लग रहे आरोपों को लेकर पूरी तरह मौन हैं. इससे पहले भी हिन्डनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच के बीच SEBI चेयरपर्सन का नाम सामने आया था. बता दें कि हिन्डनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने पहले अडानी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं और स्टॉक मैनिपुलेशन के गंभीर आरोप लगाए थे.
रिपोर्ट में सही ढंग से जांच नहीं करने का आरोप
इस रिपोर्ट के बाद SEBI पर अडानी समूह की सही ढंग से जांच न करने का आरोप भी लगाया था. SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर जांच की धीमी गति और निष्पक्षता पर सवाल उठे थे. इन आरोपों के बाद से SEBI की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं. इसके अलावा SEBI अधिकारियों ने भी चेयरपर्सन पर गंभीर आरोप लगाए थे. टॉक्सिक वर्क कल्चर को लेकर भी मामला PAC के सामने पहुंचा है. इन आरोपों ने SEBI की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल खड़ा किया है.