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अंतरिम बजट कैसे तैयार करेगी सरकार के प्रचार का ग्राउंड? तैयार है सॉलिड प्लान!

प्रतीकात्मक तस्वीर

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Lok Sabha Election 2024: अब जब राम मंदिर का उद्घाटन हो चुका है, तो बीजेपी का पूरा फोकस लोकसभा चुनाव 2024 पर केंद्रित होने की उम्मीद है. पार्टी ने इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी है. बिहार में पार्टी ने इंडिया गठबंधन की नींव रखने वाले नीतीश को ही अपने में मिला लिया. अब मोदी सरकार अंतरिम बजट के माध्यम से अपने चुनावी अभियान को धार दे सकती है. पार्टी के सामने काफी अवसर भी हैं.

बजट को लेकर सरकार को कई सारे सुझाव भी भेजे गए हैं. इसमें कॉरपोरेट सेक्टर की तरह बैंकों में भी 5 दिन काम और दो दिन आराम का फॉर्मूला लागू करने की मांग की गई है. सरकार अपने अंतरिम बजट के माध्यम से किस तरह चुनाव प्रचार अभियान को गति देने की तैयारी में है. इस विषय पर हिंदी अख़बार में लिखे अपने एक आर्टिकल में आदिति फडणीस ने विस्तार से बताया है.

आदिति लिखती हैं, “RSS और बीजेपी साल 2024-25 के लिए अंतरिम बजट से ठीक पहले बहुत कुछ करने की तैयारी में हैं. इनमें पांच दिन बैंकिंग सप्ताह, महिला किसानों के लिए किसान सम्मान निधि की राशि दोगुनी कर 12,000 रुपये वार्षिक करने, बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े कर्मचारियों के लिए पेंशन की गणना में विशेष भत्ता शामिल करने और उज्ज्वला योजना का उपभोक्ता आधार बढ़ाने जैसी अनेक मांगें शामिल हैं.”

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बता दें कि भाजपा से संबद्ध किसान मोर्चा को निर्देश दिया गया है कि वह देशभर में लगभग एक लाख गांवों में जाए और राष्ट्रीय स्तर पर कम से कम दो किसान सम्मेलन आयोजित करें. ताकि आने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी और NDA को इससे सीधे-सीधे लाभ मिल सके.

बीजेपी के इस प्लान को लेकर फड़णीस लिखती हैं, “आम चुनाव के मद्देनजर इस वर्ष बजट का महत्त्व बहुत बढ़ गया है और चुनौती से निपटने के लिए सभी प्रमुख संगठन तैयारी में जुटे हैं. भाजपा ने किसान मोर्चा को निर्देश दिया है कि वह देशभर में लगभग एक लाख गांवों में जाए और राष्ट्रीय स्तर पर कम से कम दो किसान सम्मेलन आयोजित करें. आदिति के मुताबिक, इन संगठनों को विशेषकर ऐसे विधानसभा क्षेत्रों को लक्षित करने के लिए कहा गया है, जहां के मतदाता तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हुए आंदोलन में शामिल हुए थे और सरकार को अपने कदम पीछे खींचने को मजबूर कर दिया था.”

फड़णीस का कहना है कि भारतीय किसान संघ, श्रमिक शाखा, भारतीय मजदूर संघ और भाजपा महिला मोर्चा जैसे संगठनों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को अपने-अपने सुझाव भेजे हैं.

बता दें कि प्रचार अभियान को गति देने के लिए बीजेपी ने पूरी तैयारी कर ली है. बीजेपी का यह अभियान अंतरिम बजट के तुरंत बाद शुरू होने वाला है. कहा जा रहा है कि तेलंगाना के एक बड़े नेता के कंधे पर इस अभियान की जिम्मेदारी दी गई है. बीजेपी का यह कौन सा अभियान है इसको लेकर राजनीति लेखिका आदिति लिखती हैं, “बीजेपी का यह अभियान अंतरिम बजट के फौरन बाद शुरू हो जाएगा. इसके जरिए किसानों के लिए सरकार की योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना और सिंचाई योजना जैसे अनेक कार्यक्रमों के फायदे बताए जाएंगे.”

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आदिति के मुताबिक, मोदी सरकार का यह पूरा अभियान तेलंगाना भाजपा के नेता बंदी संजय की देखरेख में चलेगा. इतना ही नहीं इसी प्रकार सरकार से पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली की मांग करते हुए पिछले साल नवंबर में नई दिल्ली में बड़ा प्रदर्शन आयोजित करने वाले भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने अपनी मांगों की लंबी फेहरिस्त बीते 20 जनवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंपी है.

आदिति आगे बताती हैं, “भाजपा महिला मोर्चा को आशा है कि सरकार बजट में महिला स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने के लिए प्रावधान जरूर करेगी. महिला मोर्चा की अध्यक्ष और कोयंबत्तूर की विधायक वानती श्रीनिवासन को पहले ही देश भर में एक करोड़ स्वयं सहायता समूहों से संपर्क करने की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है.”

बताते चलें कि अंतरिम बजट से इस साल बहुत अधिक उम्मीदें हैं. बजट आवंटन से उन क्षेत्रों को खासा बल मिलेगा जो पहले से बहुत अच्छा परिणाम दे रहे हैं.

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