Delhi Liquor Scam: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. ED ने एक बार फिर केजरीवाल की रिहाई का विरोध किया है. दरअसल, अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिका में केजरीवाल ने मामले में गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए अंतरिम राहत के तौर पर रिहाई की मांग भी की थी. ED ने इसका जवाब दाखिल करते हुए उनकी रिहाई का विरोध किया है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने ED को 2 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. अब दिल्ली HC कल इस मामले पर आगे की सुनवाई करेगा.
ED ने कहा- उनकी हिरासत अवैध नहीं
ED ने जवाब में कहा कि केजरीवाल ने अपनी हिरासत पर सवाल उठाने का अपना अधिकार तब याद आया, जब जांच एजेंसी ने कोर्ट से उनकी हिरासत नहीं मांगी. ऐसे में दिल्ली के सीएम केजरीवाल अब यह दावा नहीं कर सकते कि उनकी हिरासत अवैध है. ED के मुताबिक हिरासत पर ट्रायल कोर्ट के आदेश के अनुसार उचित हैं. साथ ही PMLA के तहत ED ने की ओर से सभी जरूरी प्रक्रियाओं का अनुपालन किया गया है.
केजरीवाल शराब घोटाला मामले के किंगपिन- ED
ED ने मौजूद सामग्री के आधार पर, जांच एजेंसी के पास यह मानने का कारण है कि केजरीवाल मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में दोषी हैं. केजरीवाल दिल्ली शराब घोटाला मामले के किंगपिन हैं. ED ने अपने जवाब में लिखा है कि अरविंद केजरीवाल कुछ व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए आबकारी नीति 2021-22 तैयार करने की साजिश में शामिल थे. उक्त नीति में लाभ देने के बदले में शराब व्यवसायियों से रिश्वत मांगने में भी लिप्त थे.
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‘पैसों का इस्तेमाल गोवा चुनाव में हुआ’
वहीं ED के ने एक बार फिर दोहराया कि अरविंद केजरीवाल ने इन पैसों का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी के लिए गोवा विधानसभा के चुनाव प्रचार अभियान में किया था. साथ ही जांच एजेंसी ने यह भी कहा है कि अरविंद केजरीवाल सीधे तौर पर उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 को बनाने में भी शामिल थे. साउथ ग्रुप को दिए जाने वाले लाभों को ध्यान में रखते हुए इस शराब नीति का मसौदा तैयार किया गया था.
केजरीवाल ने साउथ ग्रुप से रिश्वत मांगी- ED
ED ने आगे लिखा है कि साउथ ग्रुप को फायदा देने के लिए इसका गठन विजय नायर, मनीष सिसोदिया और साउथ ग्रुप के सदस्य प्रतिनिधियों की मिलीभगत से किया गया था और अरविंद केजरीवाल ने इसके बदले साउथ ग्रुप से रिश्वत की मांगी थी. इस दौरान ED ने यह भी कहा कि केजरीवाल ने हवाला लेनदेन को खुद नहीं संभाला.
विजय नायर, केजरीवाल का करीबी- ED
ED ने दावा किया कि सबसे जरूरी सबूत जो घोटाले में उनकी भूमिका को दर्शाता है, वह है साजिश के बारे में केजरीवाल को मालूम था. ED की ओर से कहा गया है कि विजय नायर, केजरीवाल का करीबी है. विजय नायर की दिल्ली उत्पाद शुल्क विभाग या दिल्ली सरकार में कोई खास भूमिका नहीं थी. वह रिश्वत लेने के लिए AAP के शीर्ष नेताओं(विशेष रूप से सीएम अरविंद केजरीवाल) की ओर से दलाल के तौर पर काम करता था.